विधानसभा में विपक्ष के नेता के नाम पर फैसला अभी बाकी
मुंबई (khabargali) महाराष्ट्र में विधानसभा स्पीकर को लेकर मची खींचातानी के बीच बीजेपी विधायक राहुल नार्वेकर को स्पीकर चुन लिया गया है. कांग्रेस नेता नाना पटोले के पिछले साल पद से इस्तीफा देने के बाद से अध्यक्ष का पद खाली पड़ा था. डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल कार्यकारी अध्यक्ष रहे हैं. बीजेपी विधायक नार्वेकर का शिवसेना और एनसीपी से गहरा नाता रहा है. नार्वेकर एनसीपी के वरिष्ठ नेता रामराजे निम्बलाकर के दामाद भी हैं, नाइक इस वक्त महाराष्ट्र विधान परिषद में सभापति हैं. राहुल नार्वेकर सबसे काम उम्र के विधानसभा अध्यक्ष बने हैं और वो पहली बार विधानसभा में जीत कर पहुंचे है. उन्हें 164 वोट मिले हैं. वहीं विपक्ष के उम्मीदवार राजन साल्वी चुनाव हार गए हैं। उन्हें केवल 107 वोट मिले हैं. राहुल मुंबई के कुलाबा विधानसभा सीट से विधायक है. इससे पहले वे NCP से विधान परिषद सदस्य रह चुके है. उन्होंने युवा सेना में आदित्य ठाकरे के साथ काम भी किया है.
राहुल नार्वेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में वकील भी है. राहुल नारवेकर को बीजेपी ने अध्यक्ष इस लिए बनाया क्योंकि वो क़ानून के अच्छे जानकार हैं. ऐसे में आने वाले वक्त में क़ानूनी मुद्दों से बचने के लिए राहुल नार्वेकर बीजेपी के खेवनहार के रूप में सामने आएंगे. एकनाथ शिंदे सरकार ने रणनीति के तहत ये फैसला किया है.
साल 2019 में बीजेपी में हुए शामिल
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष 45 साल के राहुल नार्वेकर पेशे से वकील हैं. उनके पिता सुरेश नार्वेकर बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) में पार्षद थे. उनके भाई मकरंद BMC के वार्ड नंबर 227 से दूसरी बार पार्षद बने हैं. उनकी भाभी हर्षता भी बीएमसी के वार्ड नंबर 226 से पार्षद हैं. राहुल नार्वेकर महाराष्ट्र विधानसभा 2019 में बीजेपी में शामिल हुए थे. बीजेपी ने उन्हें साउथ मुंबई की कोलाबा विधानसभा से मैदान में उतारा था, जहां उन्होंने जीत दर्ज की थी. राहुल नार्वेकर इस वक्त प्रदेश बीजेपी के मीडिया इंचार्ज भी हैं.
विपक्ष के नेता के नाम पर फैसला अभी बाकी
राकांपा नेता छगन भुजबल ने बताया कि आज की बैठक में ओबीसी आरक्षण से संबंधित चर्चा की गई. हमने रिपोर्ट जमा कर दी है, अब यह डिप्टी सीएम और उनकी सरकार की जिम्मेदारी है कि वह एससी से आरक्षण प्राप्त करें ... हमें राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता के नाम पर फैसला करना बाकी है.
राहुल नार्वेकर से 39 शिवसेना विधायकों की अयोग्यता की मांग
शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि हमारे 39 विधायकों ने हमारे व्हिप का पालन नहीं किया और पार्टी के आदेश का पालन नहीं भी किया, इसलिए हमने नए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से उनकी अयोग्यता की मांग की है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के नेता के रूप में अजय चौधरी को चुना है.
शिवसेना विधायक दल कार्यालय सील
इस बीच विधानसभा में शिवसेना विधायक दल के कार्यालय को सील कर दिया गया है। कार्यालय के बाहर एक नोटिस चस्पा है, जिसमें लिखा गया है कि यह कार्यालय शिवसेना विधायक दल के निर्देश के अनुसार बंद है."
बीते छह दशकों से शिवसेना को बगावतों का सामना करना पड़ रहा
शिवसेना अपने स्थापना काल के बाद सबसे भयंकर चुनौती का सामना कर रही है . बीते छह दशकों के इतिहास में शिवसेना को बारंबार बगावतों का सामना करना पड़ा, पर उसका अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाए, यह पहली बार हुआ है. हालांकि महाराष्ट्र के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे स्वयं को असली शिवसेना और शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे का शिष्य करार दे रहे हैं. जिस तरह से उन्होंने शिवसेना के विधायक दल पर नियंत्रण स्थापित किया, जिस अंदाज में उद्धव ठाकरे के मंत्रिमंडल में शामिल सभी के सभी निर्वाचित विधानसभा सदस्यों ने एकनाथ शिंदे के पाले में आकर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व को धता बताया, उससे यह स्पष्ट है कि ठाकरे परिवार अपने संगठन से नित्य संपर्क से कट चुका था . उद्धव ठाकरे और उनके पुत्र आदित्य ठाकरे अपने दरबारियों से इस कदर घिरे हुए थे कि वह शिवसैनिकों का दर्द से दूर अपने मंत्रिमंडल के साथियों और विधायकों के असंतोष तक से भी पूरी तरह अनभिज्ञ थे.
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