
रायपुर (खबरगली) नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों में प्रत्याशियों का नाम तय करने में भाजपा और कांग्रेस में मैराथन बैठकें हो रही हैं । दावेदारों की भरमार है और हर कोई बांहे तानकर खड़े हो गए हैं,यहां तक ताल ठोक रहे हैं कि यदि नहीं मिली तो निर्दलीय लड़ेंगे। अगले पांच साल को कौन देखा है? ऐसे में समीकरण बिगड़ता दिख रहा है।
कुशाभाऊ ठाकरे परिसर स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में शुक्रवार को विभिन्न बैठक होने के प्रदेश चुनाव समिति की बैठक हुई। बैठक में चुनावों को लेकर विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। शुक्रवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जम्वाल, प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, उपमुख्यमंत्री द्वय अरुण साव, विजय शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. (सुश्री) सरोज पांडेय, मंत्री रामविचार नेताम, ओ.पी. चौधरी, केदार कश्यप, सांसद संतोष पांडे, विधायक लता उसेंडी, पुन्नूलाल मोहले, धरमलाल कौशिक, प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव, जगदीश (रामू) रोहरा, भरत लाल वर्मा, राम जी भारती मौजूद रहे।
भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने बैठक के बाद कहा कि बैठक में संभाग के सभी वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई है। सभी वरिष्ठ नेताओं से अलग-अलग मशविरा किया गया है और इस प्रश्न पर विचार-विमर्श हुआ है कि क्या होना चाहिए, किस तरीके से होना चाहिए? इस पर हुई विस्तृत चर्चा के आधार पर जो चयन प्रक्रिया है वह आगे बढ़ेगी। हमारी जो समितियाँ हैं, मंडल समिति प्रत्याशियों के नामों की सूची जिला समिति को भेजी है। जिला समिति से संभाग और संभाग से प्रदेश स्तरीय चुनाव समिति तक सारी सूची प्राप्त हो रही है। नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायत के प्रत्याशियों की सूचियाँ धीरे-धीरे बनकर ऊपर तक आई है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि आगामी एक-दो दिनों में तय उम्मीदवारों की सूची घोषित हो जाएगी।
वहीं कांग्रेस भी लगातार नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रत्याशी के लिए दो दिनों से जद्दोजहद चल रही है । प्रदेश के सभी जिला चयन समिति ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के द्वारा आए गए नाम के पैनल पर मंथन कर रही है । रायपुर नगर निगम के प्रत्याशियों के लिए कल दो दौर में बैठक हुई । एक बैठक लगभग 7 घंटे चली तो वहीं दूसरी बैठक भी 4 घंटे हुई । इस बैठक के बाद रायपुर में महापौर के लिए 14 नामों का पैनल और 70 में से लगभग 20 वार्डों में एक नाम का पैनल तय कर लिया गया है ।
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बताया कि नगर निगम में लगभग 50 प्रतिशत और नगर पालिका में 80 प्रतिशत नाम तय हो गए हैं । 25 को प्रदेश चुनाव समिति की बैठक है । इसमें नाम फाइनल किए जाएंगे । कल से नाम आने शुरू हो जाएंगे । कल होने वाली PCC की बैठक में मुख्य रूप से महापौर और अध्यक्ष को लेकर चर्चा होगी । कुछ वार्डों में जहां पैच फंसा है, उस पर चर्चा हो सकती है । कल राजीव भवन में सुबह 11 बजे से प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट, सह प्रभारी विजय जांगिड़, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पीसीसी चीफ दीपक बैज की मौजूदगी में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक होगी ।
महापौर पद के उम्मीदवार का चयन हो रहा चुनौतीपूर्ण
कांग्रेस के लिए महापौर पद के उम्मीदवार का चयन करना जिला चयन समिति के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। रायपुर में महापौर पद के लिए डेढ़ दर्जन से ज्यादा आवेदन आए हैं, जिनमें से तीन से चार नाम पीसीसी को भेजे जाएंगे। भाजपा में भी स्थिति कुछ इसी तरह की है, जहां महापौर के लिए एक दर्जन से ज्यादा दावेदार सामने आए हैं। दोनों ही पार्टियों के भीतर उम्मीदवार चयन को लेकर जुबानी जंग भी तेज हो गई है राजधानी में ही महापौर पद के लिए वरिष्ठ नेताओं की पत्नियों समेत डेढ़ दर्जन से ज्यादा दावेदार सामने आए हैं। इसी तरह आधे से अधिक वार्डों में 10 से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, गिरीश दुबे ने बताया कि महापौर पद के लिए डेढ़ दर्जन से अधिक दावेदार हैं और 70 वार्डों में से 30 से अधिक वार्डों में एक नाम तय होने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि महापौर के लिए तीन से चार नामों का पैनल पीसीसी को भेजा जाएगा। जिन प्रत्याशियों ने लगातार सक्रियता दिखाई है और पार्टी के निर्देशों का पालन किया है, उन्हें प्राथमिकता दी जा रही है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी में भी नगरीय निकाय चुनाव के लिए एक दर्जन से ज्यादा दावेदार हैं। रायपुर में महापौर के लिए भी 10 से ज्यादा दावेदार सामने आए हैं।
आरक्षण से प्रभावित नेताओं में लगी है होड़
बड़े नाम जिनका वार्ड आरक्षण से प्रभावित हो चुका है ऐसे लोग सुरक्षित वार्ड से आवेदन लगा दिए हैं। इनमें महापौर ढेबर का ही नाम सामने आ रहा है,भगवतीचरण शुक्ल वार्ड से उनका नाम गया है। जबकि वर्तमान स्थिति में सभापति प्रमोद दुबे यहां से पार्षद हैं और उनकी दावेदारी पहले बनती है,उन्होने अपने वार्ड में पिछले कार्यकाल के दौरान काम भी बहुत कराया है जिससे उनकी जीत भी पक्की मानी जा रही है। ऐसे में क्या दुबे किसी और वार्ड से लड़ेंगे या अड़ जायेंगे? एक संभावना ये भी जतायी जा रही है कि महापौर के लिए दावा कर रहीं श्रीमती दीप्ति प्रमोद दुबे का नाम फाइनल हो रहा है। तभी दुबे मैदान छोड़ सकते हैं। कुछ एक वार्डों में घमासान मच गया है,सदर इलाके के ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष ने दो पूर्व पार्षदों को लेकर नामजद शिकायत कर दी है कि उन्होने पिछली बार पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम किया था। यदि उन्हे टिकट फिर से दी जाती है तो हार का जिम्मा लेने पार्टी तैयार रहे। वहीं देवेन्द्रनगर इलाके से एक सक्रिय पार्षद का नाम पैनल से गायब होने की खबर से समर्थकों में भारी नाराजगी है। उन्होने दो टूक कर दिया है चुनाव तो लड़ेंगे चाहे पार्टी फाइनल करे या न करे। कल प्रभारी पायलट आ रहे हैं तब शायद नामों पर मुहर लगे. लेकिन जिला और पीसीसी के रिकमंड को ही वे मानेंगे क्योंकि उन्हे इतने नीचे स्तर के चुनाव के बारे कितनी जानकारी होगी। इन हालातों को देखकर लग रहा है कि कबड्डी नहीं खो-खो की तैयारी है।
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