भिलाई (खबरगली) भिलाई के जयंती स्टेडियम में 25 से 29 दिसंबर तक आयोजित पं. धीरेंद्र शास्त्री महाराज की श्री हनुमंत कथा में देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। बड़े आयोजन के मद्देनजर थाना भिलाई नगर पुलिस ने सुरक्षा इंतजाम कड़े किए हैं।
चोरी, लूट और चैन स्नेचिंग जैसी घटनाओं को रोकने के लिए पंडाल और आसपास लगातार पेट्रोलिंग और चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इसी दौरान अन्य राज्यों से आए 9 संदिग्ध महिलाओं को हिरासत में लिया गया है।
पुलिस के अनुसार, चेकिंग के दौरान कुछ बाहरी राज्यों के लोग बिना पास और पहचान पत्र के पंडाल में पाए गए। पूछताछ के दौरान उनके पास आधार कार्ड या कोई वैध आईडी प्रूफ नहीं पाया गया। सुरक्षा की दृष्टि से सभी संदिग्धों को हिरासत में लेकर थाना लाया गया और विस्तृत पूछताछ की गई। इसके बाद पुलिस ने सभी पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की और इस्तगासा तैयार कर एसडीएम न्यायालय में पेश किया। संदिग्धों में कमसा मारमुत्तु नायडू, काजल नायडू, पूजा रजनी नायडू, रोषनी रजनी नायडू (नवापुर वाकीपाड, जिला नंदूरबार, महाराष्ट्र), सुमन इकरन, अनीता जाटव (जिला भरतपुर, राजस्थान), मोनी जाटव, गुड्डी जाटव (हरिनगर, पलवल, हरियाणा-पंजाब) एवं गौरी जाटव (चितौकरी, जिला भरतपुर, राजस्थान) शामिल हैं।
इस आयोजन की व्यवस्था करने वाली सेवा समर्पण समिति की अव्यवस्था के कारण श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पंडाल छोटे लगाए गए हैं और पर्याप्त बैठने की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग सड़कों पर बैठने और घंटों खड़े रहने को मजबूर हैं। पास वितरण की प्रक्रिया में भी गड़बड़ी दिखाई दी। आधिकारिक पास बांटे गए, लेकिन आधे घंटे में ही स्थान भर गया। कई वीवीआईपी पासधारक भी अंदर नहीं जा सके। स्थानीय श्रद्धालुओं का कहना है कि पंडाल के भीतर पर्याप्त गेट और एंट्री पॉइंट नहीं बनाए गए हैं। पास लेने के बावजूद उन्हें स्टेडियम के बाहर लंबी लाइन में घंटों इंतजार करना पड़ा।
इस असुविधा के कारण श्रद्धालुओं में नाराजगी देखी गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए लगातार निगरानी रखी जा रही है। सभी संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई और आवश्यक कार्रवाई की गई है। वहीं, आयोजक समिति को भी व्यवस्था सुधारने और पर्याप्त बैठने एवं एंट्री पॉइंट सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। भिलाई जयंती स्टेडियम में पं. धीरेंद्र शास्त्री महाराज की कथा का यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक महत्व रखता है, लेकिन सुरक्षा और व्यवस्थापकीय खामियों के कारण श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस और आयोजकों ने इसे सुधारने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
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