
पारसी रीति-रिवाज के साथ हुआ रतन टाटा का अंतिम संस्कार
मुंबई (खबरगली) उद्योगपति रतन टाटा का वर्ली स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इस दौरान देश की कई हस्तियां मौजूद रहीं। रतन टाटा के अंतिम संस्कार के लिए वर्ली में मुंबई पुलिस और बीएमसी ने खास तैयारियां की थीं। उनका विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले रतन टाटा के पार्थिव शरीर को पारसी रीति-रिवाज के साथ एक ताबूत में श्मशान ले जाया गया और फिर एक शोक सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान टाटा परिवार के सदस्य मौजूद रहे। इसके बाद विद्युत शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया। गौरतलब है कि पारसी रीति-रिवाज के अनुसार शव को जलाने का नियम नहीं है. ऐसे में उनका अंतिम संस्कार पारंपरिक तरीके से हटकर हुआ है। टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर देशभर में शोक की लहर फैल गई है। 86 वर्षीय रतन टाटा का देर रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
सरकारी दफ्तरों में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहें
रतन टाटा के निधन पर महाराष्ट्र और झारखंड सरकार ने एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की । रतन टाटा के सम्मान में दोनों राज्य सरकारों ने राजकीय शोक का ऐलान किया । इस दौरान सरकारी दफ्तरों में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहें और किसी भी तरह के मनोरंजन के कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया।
रतन टाटा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा कि श्री रतन टाटा जी एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया। अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के कारण उन्होंने कई लोगों का प्रिय बना लिया। उन्होंने आगे कहा कि श्री रतन टाटा जी के सबसे अनूठे पहलुओं में से एक बड़े सपने देखने और उन्हें वापस देने का जुनून था। वह शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छता, पशु कल्याण जैसे कुछ मुद्दों का समर्थन करने में सबसे आगे थे।
नमक से लेकर एयरलाइन तक...
सैकड़ों ऐसे बिजनेस है, जो टाटा ग्रुप करता है। टाटा ग्रुप के मार्केट कैप की ही बात करें, तो यह पाकिस्तान की जीडीपी से भी ज्यादा है। पाकिस्तान की जीडीपी के इस साल के आखिर तक 347 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है। जबकि टाटा ग्रुप का मार्केट कैप जुलाई 2024 में ही 400 अरब डॉलर को पार कर गया था। टाटा ग्रुप देश का पहला ऐसा कारोबारी ग्रुप है, जिसकी कंबाइंड वैल्यूएशन 400 अरब डॉलर को पार कर गई है। टाटा ग्रुप के साम्राज्य में 100 से अधिक कंपनियां हैं। ग्रुप की 26 कंपनियां स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट है।
साल 1868 से शुरू हुआ है यह सफर
टाटा ग्रुप काफी पुराना कारोबारी घराना है। इसकी शुरुआत साल 1868 में एक ट्रेडिंग कंपनी के तौर पर हुई थी। टाटा ग्रुप में करीब 100 कंपनियां शामिल हैं। टाटा ग्रुप इतना बड़ा है कि इसका कारोबार 6 महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में फैला हुआ है। वहीं, दुनिया के 150 देशों में टाटा ग्रुप के प्रोडक्ट्स मौजूद हैं।
ये हैं टाटा ग्रुप की प्रमुख कंपनियां
टाटा ग्रुप की प्रमुख कंपनियों में टीसीएस, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाइटन कंपनी, टाटा कैमिकल, टाटा पावर, इंडियन होटल्स कंपनी, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, टाटा कम्युनिकेशन, वोल्टास लिमिटेड, ट्रेंट लिमिटेड, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन, टाटा मेटालिक्स, टाटा एलेक्सी, नेल्को लिमिटेड, टाटा टेक और रैलिस इंडिया शामिल हैं।
10 लाख से ज्यादा लोगों को मिल रहा रोजगार
टाटा ग्रुप बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार दे रहा है। वित्त वर्ष 2023 के आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर में टाटा ग्रुप की कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 10,28,000 थी। टाटा ग्रुप की टीसीएस में ही करीब 6,15,000 लोग काम करते हैं। टीसीएस कर्मचारियों के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल है।
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