राज्य सरकार ने किसानों को राहत पहुँचाने के इंतज़ाम करने के बजाय सियासी साजिशें रचने में ही वक़्त जाया किया: विष्णुदेव साय
रायपुर (khabargali) भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा अब केंद्र सरकार से पूरा चावल जमा करने की मांग करने पर इसे प्रदेश के किसानों का धान ख़रीदने से बचने की एक नई पैंतरेबाजी क़रार देते हुए पूछा है कि आख़िर मुख्यमंत्री किसानों को परेशान करने से कब बाज आएंगे? श्री साय ने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही सेंट्रल पूल में पिछले वर्ष के मुक़ाबले इस वर्ष ड्यौढ़ा अधिक चावल लेने का एलान कर चुकी है और इसके एवज में 09 हज़ार करोड़ रुपए की राशि भी प्रदेश सरकार को दी जा चुकी है, तो अब यह पैंतरा आजमाकर मुख्यमंत्री बघेल किसानों के साथ शर्मनाक खेल क्यों खेल रहे हैं?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार की भावनाओं व मांग के मुताबिक़ केंद्र सरकार जब डेढ़ गुना ज़्यादा चावल सेंट्रल पूल में ले रही है तो अब प्रदेश सरकार फिर किसान विरोधी चरित्र के चलते केंद्र सरकार पर अपनी नाकामियों और नाकारापन का ठीकरा फोड़ने पर आमादा होकर प्रलाप पर उतर आए हैं। श्री साय ने कहा कि कांग्रेस की इस प्रदेश सरकार का राजनीतिक चरित्र शुरू से ही किसान विरोधी रहा है। अपने दो साल के कार्यकाल में इस प्रदेश सरकार ने किसानों के नाम पर सियासी ढोंग तो खूब रचे पर ज़मीनी तौर पर किसानों के साथ अन्याय और अत्याचार की पराकाष्ठा करने में इस कांग्रेस सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है।
श्री साय ने कहा कि प्रदेशभर में किसान अपनी उपज बेचने के लिए हलाकान हो रहे हैं, पर ख़रीदी केंद्रों में बारदानों के संकट के चलते किसानों का धान बिक ही नहीं पा रहा है। आज भी अमूमन सभी ख़रीदी केंद्रों में किसान अपनी उपज बेचने के लिए टोकन की मारामारी से जूझने को मज़बूर हैं और प्रदेश सरकार झूठे दावों को परोसकर प्रदेश के किसानों के साथ छलावा कर रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार के मंत्री भी अब सियासी लफ़्फ़ाजियों और नौटंकियों में माहिर हो चले हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर निशाना साधते हुए श्री साय ने कहा कि कभी धान का पुराना भुगतान हुए बगैर नई धान ख़रीदी शुरू करने पर मंत्री पद छोड़ने का एलान करने वाले मंत्री सिंहदेव आज किसानों को अभी इस वर्ष का ही भुगतान नहीं होने पर खामोश बैठे हैं और किसानों के नाम पर उपवास की नौटंकी कर रहे हैं। गरियाबंद में धान का भुगतान नहीं होने पर किसानों द्वारा किए गए चक्काजाम की ख़बर का हवाला देते श्री साय ने जानना चाहा कि जब केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को 09 हज़ार करोड़ रुपए पहले ही दिए जा चुके हैं तो फिर प्रदेश सरकार किसानों को उनकी उपज का भुगतान 72 घंटों के भीतर क्यों नहीं कर रही है? जो प्रदेश सरकार किसानों के हित की बड़ी-बड़ी डींगें हाँकने और अपने तुग़लक़ी फ़रमानों से किसानों को परेशान करने के लिए साजिशें रचने के अलावा और कोई काम नहीं कर रही है, उस सरकार और उसके मंत्रियों को इस तरह के नित-नए ढोंग करना शोभा नहीं देता।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने धान ख़रीदी केंद्रों में बारदानों के संकट से उपजे हालात के लिए भी प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि देश की दीग़र सभी राज्य सरकारें अपने यहाँ धान ख़रीदी के पर्याप्त इंतज़ाम कर लेती हैं, पंजाब समेत सभी राज्यों में बारदानों की पर्याप्त व्यवस्था हो जाती है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने बजाय किसानों को राहत पहुँचाने के इंतज़ाम करने के सियासी साजिशें रचने और केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ ऊलज़लूल प्रलाप करने में ही अपना वक़्त जाया किया और अब वह बारदाना संकट की आड़ में किसानों को न केवल परेशान कर रही है, बल्कि किसानों को अपने बारदाने में धान बेचने को कहकर अपने दिमागी दीवालिएपन का भद्दा प्रदर्शन कर रही है। किसान बाज़ार से जो बारदाना 25-30 रुपए में खरीदेंगे, सरकार उनके एवज़ में उन्हें महज़ 15 रुपए का भुगतान करेगी। श्री साय ने कहा कि कुल मिलाकर इस सरकार को न तो सरकार चलाने की समझ-बूझ रह गई है और न ही किसानों की दिक़्क़तों से उसे कोई वास्ता रह गया है। जिन सत्ताधीशों को अपने राज्य के किसानों की तक़लीफ नज़र नहीं आ रही है, वे दिल्ली के किसान आंदोलन को लेकर प्रलाप करते ज़रा भी शर्म महसूस नहीं कर रहे हैं।
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