रायपुर (खबरगली) राजधानी रायपुर में शनिवार को सुबह अल्पसंख्यक आयोग की ओर से आयोजित वीर बाल रैली में 5 हज़ार छात्र जुटे। रैली में सिख परंपरा की वीरता को दर्शाती गतका जैसी साहसिक गतिविधियों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों एवं प्रेरणादायी झांकियों ने उपस्थित जनसमूह को भावनात्मक स्तर पर जोड़ा। इस भव्य रैली में लगभग 5,000 से अधिक स्कूली छात्र-छात्राओं, स्काउट-गाइड एवं एनसीसी कैडेट्स ने सहभागिता की। सीएम विष्णु देव साय तेलीबांधा मरीन ड्राइव से रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
सीएम ने कहा कि छोटी सी उम्र में साहिबजादों ने वीरता और गौरव की जो मिसाल पेश की, वह युगों तक प्रेरणा देती रहेगी। वीर बाल रैली में साहसिक गतिविधियों और भव्य झांकियों के साथ स्कूली छात्र निकले। रैली से पूर्व हुए आयोजन में सीएम साय ने कहा कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में हम दशम गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के अद्वितीय बलिदान को नमन करते हैं। केवल 9 वर्ष और 7 वर्ष की अल्पायु में साहिबजादों ने जिस अदम्य साहस, आस्था और बलिदान का परिचय दिया, वह मानव इतिहास में अनुकरणीय है। यह बलिदान केवल सिख समाज ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिए प्रेरणास्रोत है।
सीएम साय ने कहा कि सिख धर्म की यह गौरवशाली परंपरा हम सभी के लिए गर्व का विषय है। नई पीढ़ी को साहिबजादों के बलिदान और मूल्यों से परिचित कराना हमारा नैतिक दायित्व है।
छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा ने साहिबजादों की शहादत के ऐतिहासिक प्रसंगों से उपस्थित जनसमूह को अवगत कराया।
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