
राजनांदगांव (khabargali) देश के हाईटेक मेट्रो सिटी की दर्ज पर राजनांदगांव शहर व जिले में जल्द ही इलेक्ट्रिक बसें दौड़ने वाली हैं। जिला प्रशासन ने जिले में 50 बसें चलाने की कार्ययोजना तैयार कर राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा है।
राज्य सरकार द्वारा जिला प्रशासन से इलेक्ट्रिक बसें चलाने के संबंध में कार्ययोजना तैयार कर प्रस्ताव भेजने कहा गया था। शासन से स्वीकृति के बाद शहर व जिले में इलेक्ट्रिक बसें दौड़ती नजर आएंगी। इन सिटी बसों के लिए शहर के अंदर डिपो व चार्जिंग पाइंट के लिए जगह की तलाश की जा रही है।
देश की मेट्रो सिटी मुंबई, कलकत्ता, बैंगलोर सहित अन्य बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है। इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से यात्रियों को डीजल से चल रही बसों के एवज में कम कीमत पर यात्रा करने की सुविधा मिलेगी। इलेक्ट्रिक बसें बैटरी से संचालित होंगी। डीजल-पेट्रोल का खर्च बचेगा। इलेक्ट्रिक बसों में सफर डीजल वाले बसों से आधी कीमत पर होगी। वहीं धुआं रहित बस होने से पर्यावरण प्रदूषण का खतरा भी नहीं रहेगा।
इलेक्ट्रिक बसों के कई फायदे हैं, जिनमें पर्यावरण संरक्षण, कम परिचालन लागत व यात्रियों के लिए बेहतर अनुभव शामिल हैं। ये बसें पारंपरिक डीजल बसों की तुलना में कम प्रदूषण करती हैं, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होता है। कम शोर करती हैं और यात्रियों के लिए एक शांत व आरामदायक यात्रा प्रदान करती हैं।
इलेक्ट्रिक बसें शून्य टेलपाइप उत्सर्जन करती हैं, जिससे वायु प्रदूषण कम होता है और शहरी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता में सुधार होता है। इलेक्ट्रिक बसों का उपयोग कार्बन फुृटप्रिंट को कम करता है, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करता है। इलेक्ट्रिक बसों में उन्नत सुरक्षा सुविधाएं होती हैं, जैसे कि आरटीएमएस (रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम) और सीसीटीवी कैमरे, जो यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
इलेक्ट्रिक बसों के अलावा पहले से संचालित सिटी बसों का भी मेंटेनेंस करा कर रूटों में दौड़ाने की तैयारी है। निगम ने कंपनी से संपर्क कर खराब सिटी बसों का मेंटेनेंस कराने कहा है। जिले में 20 सिटी बसों का संचालन हो रहा था। कोरोना काल के दौरान से करीब 16 सिटी बसें खराब स्थिति में पड़ी हैं।
इन बसों का मेंटेनेंस कराकर रूटों में फिर से संचालन किया जाएगा। प्रत्येक बस के मेंटेनेस में डेढ़ से दो लाख रुपए का खर्च आएगा। वर्तमान में 14 बसें कंडम हो गई हैं। बसों की बैटरियां पूरी तरह खराब है। इंजन भी जंग लगने की वजह से जाम हो चुके हैं। वहीं टायर भी सड़ने की कगार पर हैं। मेंटेनेंस के लिए राशि नहीं है।
पुरानी सिटी बसें कबाड़ हो गईं
इलेक्ट्रिक बसों का संचालन करने राज्य शासन से प्रस्ताव मांगा गया है। 50 बसों के संचालन की कार्ययोजना बनाकर प्रस्ताव भेजा गया है। शासन से स्वीकृति के बाद जल्द ही इलेक्ट्रिक बसों का संचालन होगा। बसों के लिए डिपो व चार्जिंग पाइंट बनाने जगह की तलाश कर रहे हैं।
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