राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों इंजीनियरिंग के होनहार विद्यार्थियों को मिला स्वर्ण पदक

President Draupadi Murmu gave gold medals to promising engineering students, today 25 October was a historic day for National Institute of Technology, Raipur. President of the country Mrs. Draupadi Murmu gave her dignified presence in the 14th convocation of the institute today, Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

निष्ठा, नैतिकता और कुशलता के साथ निरंतर काम करने वालों को सहज ही सम्मान प्राप्त होता है - राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

राष्ट्र निर्माण में तकनीकी कौशल और ज्ञान के सही उपयोग पर राष्ट्रपति ने दिया ज़ोर

एनआईटी रायपुर के दीक्षांत समारोह में पहली बार राष्ट्रपति का आगमन

राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू भी दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए

रायपुर (खबरगली) राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रायपुर के लिए आज 25 अक्टूबर का दिन ऐतिहासिक रहा। देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज संस्थान के 14वें दीक्षांत समारोह में अपनी गरिमामय मौजूदगी दी और 12 होनहार विद्यार्थियों को उनकी बेहतरीन शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए अपने हाथों से स्वर्ण पदक प्रदान किया। राज्यपाल श्री रमेन डेका, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू भी दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आज आयोजित एनआईटी के दीक्षांत समारोह में वर्ष 2023-24 में संस्थान से ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और पीएचडी किए 1439 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं। इनमें बी.टेक. और बी.आर्क. प्रोग्राम के 1044, एमसीए और एम.टेक. प्रोग्राम के 225 और पीएचडी के 170 विद्यार्थी शामिल थे।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने विद्यार्थियों को एनआईटी जैसे उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान से शिक्षा ग्रहण कर डिग्री प्राप्त करने पर हृदय से बधाई दी। उन्होंने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए विद्यार्थियों से कहा कि आज आप अपने जीवन के एक महत्वपूर्ण चरण को पूरा कर दूसरे चरण में प्रवेश कर रहे हैं। आप लोगों ने अपने परिश्रम और प्रतिभा के बल पर विशिष्ट मान्यता प्राप्त की है। विद्यार्थियों की सफलता में परिवार के प्रोत्साहन तथा प्राध्यापकों के मार्गदर्शन की निर्णायक भूमिका होती है। मैं सभी विद्यार्थियों के परिवार-जनों तथा प्राध्यापकों को भी बधाई देती हूं।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा कि तकनीक का विकास विज्ञान पर निर्भर होता है। इंजीनियरिंग में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए अत्याधुनिक वैज्ञानिक प्रगति के बारे में जानकारी बनाए रखना आप सब के लिए सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल इनक्लुजन के क्षेत्र में भारत की सफलता ने पूरे विश्व को आश्चर्यचकित कर दिया है। हमारे देश में ऐसे अन्य उदाहरण प्रस्तुत करने की संभावनाएं और क्षमताएं विद्यमान हैं। एनआईटी रायपुर जैसे उच्च तकनीकी शिक्षण संस्थानों और आप जैसे युवाओं में यह उत्साह होना चाहिए कि ऐसी संभावनाओं को समझें और उन्हें कार्यरूप प्रदान करें। आप अपने योगदान का दायरा जितना अधिक विस्तृत करेंगे, उतना ही अधिक आपका व्यक्तिगत विकास होगा। बड़ी सोच, बड़ी आकांक्षाओं को जन्म देती है। बड़ी आकांक्षाएं ही प्रभावशाली यथार्थ का रूप लेती हैं। राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि जो व्यक्ति अपना काम पूरी निष्ठा, नैतिकता और कुशलता के साथ निरंतर करते रहते हैं, उन्हें सहज ही लोगों का सम्मान प्राप्त होता है। आप सभी लगन के साथ कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ते रहिए। सफलता और प्रतिष्ठा आपका अनुसरण करेंगी।

उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए कहा कि दूसरों के कल्याण के लिए कार्य करना व्यक्तिगत जीवन को सार्थक और सामाजिक जीवन को बेहतर बनाता है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम ने विज्ञान और तकनीक का देश की सुरक्षा और समाज कल्याण के लिए उपयोग करते हुए अपार यश अर्जित किया। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने दीक्षांत समारोह में कहा कि भारत सरकार ने देश को ग्लोबल सेमीकंडक्टर मेनुफैक्चरिंग हब बनाने तीन वर्ष पहले इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन का शुभारंभ किया है। आर्थिक विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा और टेक्नोलॉजिकल सेल्फ-रिलायंस की दृष्टि से सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री बहुत महत्वपूर्ण है। इस उद्योीग में युवा इंजीनियरों को रोजगार तथा स्टार्ट-अप्स के अनेक अवसर मिलेंगे।

उन्होंने कहा कि हमारे देश के प्रतिभाशाली इंजीनियर्स ने ऐसे अनोखे उद्यम स्थापित किए हैं, जिनके बारे में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। आप जैसे इंजीनियरिंग टैलेंट पूल के बल पर देश में महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाई जा रही हैं, उनको कार्यरूप दिया जा रहा है। राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि युवा विकसित भारत का निर्माण करेंगे। युवाओं के प्रयासों से भारत विश्व में अपनी स्थिति को और मजबूत बनाएगा।

राज्यपाल श्री रमेन डेका ने दीक्षांत समारोह को विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि आज हम सब मिलकर एक ऐतिहासिक अवसर का जश्न मना रहे हैं जो कि विद्यार्थियों की सालों की कड़ी मेहनत, धैर्य और लगन का नतीजा है। यहाँ उपस्थित हर विद्यार्थी ने शैक्षिक चुनौतियों का सामना किया, सहपाठियों से मित्रता की और साथ मिलकर बेहतरीन अनुभव के दौर से गुजऱे, जिसने उन्हें आज इस मुक़ाम पर पहुँचाया है। उन्होंने आज डिग्री हासिल करने वाले सभी विद्यार्थियों को अपनी बधाई और शुभकामनाएं दीं। राज्यपाल ने कहा कि आज यहाँ विद्यार्थी सिर्फ़ ज्ञान लेकर नहीं जा रहे, बल्कि आपसी समन्वय, संघर्ष करने और डटे रहने का कौशल भी लेकर जा रहे हैं। ये गुण उन्हें संस्थान की चार दीवारी से बाहर की दुनिया में मार्गदर्शन देंगे। विद्यार्थी एक ऐसी अनोखी दुनिया में प्रवेश करेंगे जो अभूतपूर्व परिवर्तन का समय है, जहाँ उनकी रचनात्मकता और जुनून महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगी। पूरा विश्व इन विद्यार्थियों की तरफ़ टकटकी लगाए देख रहा होगा कि इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी कौशल का उपयोग करके जलवायु परिवर्तन, गऱीबी, वैश्विक भूखमरी, लिंग भेद, असमान आय, बेरोजग़ारी जैसी अनसुलझी वैश्विक समस्याओं का हल निकाल सकें। राज्यपाल श्री डेका ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे सफलता के लिए नैतिक और शैक्षिक मूल्यों को अपनाएं और नई ऊँचाइयों को छुएँ।

उन्होंने कहा कि मौजूदा केंद्र और राज्य की सरकार ने इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बेहतरीन प्रयास किए हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की कुशल नेतृत्व वाली सरकार ने शैक्षणिक अधोसंरचना को बढ़ावा देने के लिए काफ़ी कार्य किए हैं। साथ ही तकनीकी संस्थाओं में शोध और नवाचार को भी छत्तीसगढ़ में बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश की मौजूदा साय सरकार ने विभिन्न प्रयास किए हैं जिससे कि तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा मिले। साथ ही कार्य बल को उद्योगों की ज़रूरत के हिसाब से ढाला जा सके। तकनीकी क्षेत्र में विकास और अनुसंधान के लिए शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों की साझेदारी को भी बढ़ावा दिया जा रहा है जिससे कि क्षेत्रीय समस्याओं का स्थानीय हल भी ढूंढा जा सके।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के दीक्षांत समारोह को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बतौर विशिष्ट अतिथि संबोधित करते हुए राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में प्रथम आगमन पर इसे संस्थान के लिए ऐतिहासिक और गौरवशाली दिन बताया। उन्होंने राष्ट्रपति के प्रति आभार जताया कि छत्तीसगढ़ की प्रतिभाओं और नागरिकों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने अपने क़ीमती समय में दो दिनों का बहुमूल्य समय प्रदेश को दिया है। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से डिग्री प्राप्त करने वाले सभी ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, पीएचडी विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह दिन केवल डिग्री हासिल करने का दिन नहीं, बल्कि देश और समाज के लिए अपने ज्ञान व कौशल को भविष्य में योगदान देने के लिए भी तैयार होने का दिन है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है। यहाँ की बड़ी आबादी गांवों और जंगलों में निवास करती है। ये वर्ग आज भी कई तरह के अभावों का सामना कर रही है। सुविधा और संपन्नता की दृष्टि से पीछे रह गए इन लोगों के जीवन में आपका ज्ञान और कौशल बदलाव ला सकता है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह प्रदेश प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। यहाँ पर औद्योगिक विकास के लिए बहुत संभावना है। इस क्षेत्र में भी आपका ज्ञान और कौशल राज्य के लिए बहु उपयोगी है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इसी के अनुरूप हम लोगों ने भी विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण का संकल्प लिया है। यह संकल्प आप लोगों के योगदान के बिना पूरा नहीं हो सकता।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारा देश दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करते हुए हम लोग भी इसमें बड़े बूस्ट की तैयारी कर रहे हैं। देश और प्रदेश को आप जैसे युवा प्रतिभाओं से बहुत उम्मीद है। आज प्रदेश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो चुकी है। यह छात्र-छात्राओं में ज्ञान के साथ-साथ कौशल विकास पर भी ज़ोर देती है। हमारी आने वाली पीढ़ी तकनीकी रूप से कुशल और उद्यमिता से भरपूर पीढ़ी होगी। प्रदेश के 160 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का भी हम आधुनिकीकरण कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में सड़क, रेल, हवाई और संचार नेटवर्क का विस्तार बहुत तेज़ी से किया जा रहा है। आने वाले दिनों में हमारे पास युवाओं की बहुत बड़ी टीम होगी जो इस प्रदेश को अपने ज्ञान, कल्पनाशीलता और प्रतिभा से विकास की नई उंचाईयों पर स्थापित करने में सक्षम होगी।

रायपुर एनआईटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. सुरेश हवारे और निदेशक डॉ. एन.वी. रमना राव ने भी दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। एनआईटी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य, सीनेट सदस्य, रजिस्ट्रार, डीन, विभागाध्यक्ष और संस्थान के संकाय सदस्य भी समारोह में मौजूद थे।

राष्ट्रपति ने इन टॉपर्स को अपने हाथों से दिया स्वर्ण पदक

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने एनआईटी के वर्ष 2023 के विभिन्न इंजीनियरिंग शाखाओं के 11 टॉपर्स को स्वर्ण पदक प्रदान किया। उन्होंने कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियिरिंग तथा एनआईटी के ओवर-ऑल टॉपर यश बंसल को दो स्वर्ण पदक प्रदान किए। राष्ट्रपति ने बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर के टॉपर अंकित महोबिया, बायो मेडिकल इंजीनियरिंग की टॉपर ईशिका जैन, बायो टेक्नोलॉजी के टॉपर सिब्बू कुमार सिंह, केमिकल इंजीनियरिंग की टॉपर शिखा राय, सिविल इंजीनियरिंग की टॉपर मुस्कान अग्रवाल, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के टॉपर शुभम अग्रवाल, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के टॉपर अभिषेक कुमार, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की टॉपर दिशा जैन, मेटा एंड मटेरियल्स इंजीनियरिंग के टॉपर प्रखर जाधव और माइनिंग इंजीनियरिंग के टॉपर प्रियांशु कुमार को स्वर्ण पदक प्रदान किया।

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