बालाघाट (khabargali) अपनी सालों की जमा पूंजी दान कर आध्यात्म की तरफ रुख कर रहे परिवारों की खबरें आए दिन मिसाल बनकर चर्चा में आ रही हैं।
बालाघाट के सराफा कारोबारी राकेश सुराना ने भी अब अपनी 11 करोड़ की संपत्ति गोशाला और धार्मिक संस्थाओं को दान कर दी। उन्होंने पत्नी लीना और 11 साल के बेटे अमय के साथ सांसारिक जीवन को त्याग कर संयम पथ पर चलने का फैसला किया है। वे परिवार सहित 22 मई को जयपुर में दीक्षा लेंगे। दीक्षा ग्रहण करने के पहले राकेश सुराना (40) , उनकी पत्नी लीना सुराना (36) और बेटे अमय सुराना(11) को शहर के लोगों ने शोभायात्रा निकालकर विदाई दी।
सुराना ने बताया कि उन्हें धर्म, आध्यात्म और आत्म स्वरूप को पहचानने की प्रेरणा गुरु महेंद्र सागर महाराज और मनीष सागर महाराज के प्रवचनों और उनके सानिध्य में रहते हुए मिली। वहीं उनकी पत्नी ने बचपन में ही संयम पथ पर जाने की इच्छा जाहिर कर दी थी। बेटे अमय महज चार साल की उम्र में ही संयम के पथ पर जाने का मन चुके थे। हालांकि, बेहद कम उम्र के कारण अमय को सात साल तक इंतजार करना पड़ा।
राकेश बालाघाट में सोने-चांदी के कारोबार से जुड़े हैं। कभी छोटी-सी दुकान से ज्वेलरी का कारोबार शुरू करने वाले राकेश ने अपने दिवंगत बड़े भाई की प्रेरणा, अपनी कड़ी मेहनत और अथक प्रयासों से इस क्षेत्र में दौलत और शोहरत दोनों कमाई। आधुनिकता के इस दौर की सुखमय जीवन की तमाम सुविधाएं उनके घर-परिवार में थीं। उन्होंने करोड़ों की संपत्ति अर्जित की, लेकिन सुराना परिवार अपनी सालों की जमा पूंजी दान कर आध्यात्म की तरफ रुख कर रहे हैं।
- Log in to post comments