आरक्षण के मुद्दे पर होगी बात और अध्यादेश भी
रायपुर (khabargali)छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा का विशेष सत्र 1 और 2 दिसंबर को होगा। इस संबंध में राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके की मंजूरी मिल गई है। यह विशेष सत्र आरक्षण के मसले को लेकर बुलाया गया है। राज्यपाल अनुसुइया उइके ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 174 के खण्ड (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये 01 दिसंबर 2022 को पूर्वान्ह 11ः00 बजे छत्तीसगढ़ विधानसभा का 15वां सत्र आहूत करने के विधानसभा से प्राप्त प्रस्ताव पर आज यहां हस्ताक्षर किए हैं।
राज्य सरकार इस सत्र में अध्यादेश ला सकती है। खास बात ये है कि पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने 2012 में आरक्षण की नई व्यवस्था लागू की थी। हाईकोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया है। इसके बाद से 2012 के पूर्व की स्थिति में आरक्षण का प्रतिशत आ गया है। इसके हिसाब से राज्य के आदिवासियों के आरक्षण के प्रतिशत में कमी आई है। आरक्षण के मसले को लेकर राज्य की राजनीति गरमाई हुई है।
इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आदिवासी समाज को भरोसा दिलाया है कि राज्य में आरक्षण के मामले में आदिवासी निश्चिंत रहें, उन्हें 32 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे है।
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