
पीईकेबी व पीसीबी खदान में सामूहिक वृक्षारोपण एवं चित्रकला प्रतियोगिताओं के माध्यम से पर्यावरण जागरूकता अभियान
परसा क्षेत्र में वृक्षारोपण, ड्रॉइंग प्रतियोगिताएँ और बच्चों को प्रेरित करने वाली पहल
उदयपुर/अंबिकापुर (खबरगली) विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल के रूप में, सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लॉक में मौजूद राजस्थान राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) की परसा पूर्व और केते बासेन (पीईकेबी) तथा परसा कोल ब्लॉक (पीसीबी) खदान में सामूहिक वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया गया। गुरुवार को शुरू हुए इस अभियान के तहत पीईकेबी में 26,120 और पीसीबी खदान में 2,100 पौधे लगाए गए। कुल 27,220 पौधों के रोपण के साथ यह कार्यक्रम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ठोस और प्रेरणादायक पहल बन गया, जो इन क्षेत्रों की हरियाली और जैव विविधता को बढ़ावा देगा। इस व्यापक वृक्षारोपण कार्यक्रम में कर्मचारियों से लेकर ठेकेदारों तक सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह आयोजन सिर्फ एक पौधारोपण नहीं, बल्कि प्रकृति को बचाने और हरियाली बढ़ाने के सामूहिक संकल्प के रूप में उभरकर सामने आया।

पर्यावरण और सीएसआर विभागों के संयुक्त तत्वावधान में सप्ताह की शुरुआत में परसा, सलही, बासेन, तारा, जनार्दनपुर और फत्तेपुर गाँवों में 'प्लास्टिक प्रदूषण को वैश्विक स्तर पर समाप्त करना' विषय पर ड्रॉइंग प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की गईं। इन प्रतियोगिताओं में कक्षा एक से आठ तक के लगभग 400 विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रत्येक गाँव में दो वर्गों- कक्षा एक से पाँच और छह से आठ के लिए प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया।
पुरस्कार वितरण समारोह में पर्यावरण विभाग के श्री अविनाश कुमार ने सभी विजेताओं को सम्मानित किया और बच्चों से आह्वान किया कि वे पर्यावरण की रक्षा में सतत रूप से सक्रिय भूमिका निभाएँ। उन्होंने कहा, "पर्यावरण की रक्षा केवल एक दिन का कार्य नहीं, यह हमारी सोच और जीवनशैली का हिस्सा बनना चाहिए।" इस श्रृंखला का समापन गुरुवार को हुए वृक्षारोपण अभियान के साथ हुआ, जिसने यह संदेश दिया कि यदि हम सब मिलकर प्रयास करें, तो एक स्वच्छ, हरित और प्लास्टिक मुक्त भविष्य संभव है। आरआरवीयूएनएल द्वारा क्षेत्र में ढांचागत विकास की श्रंखला में खदान के पास के 14 गावों की बड़ी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों में मरम्मत तथा बाला पेंटिंग, अतिरिक्त कक्षाओं एवं पक्के शौचालयों का निर्माण, गांव में सड़क निर्माण एवं यात्री प्रतीक्षालयों के मरम्मत तथा सौंदर्यीकरण इत्यादि के कार्य शामिल है। साथ ही पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए 15.69 लाख से ज्यादा पेड़ 1200 एकड़ से ज्यादा खनन की हुई जमीन में रोपित किया है।
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