1 जून से ड्राइविंग लाइसेंस के लिए 3 बड़े बदलाव....RTO में टेस्ट देना जरूरी नहीं!

3 big changes for driving license from June 1....It is not necessary to give test in RTO, know the new rules, fees and charges for driving license, Ministry of Road Transport and Highways, Khabargali

जानें ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम, फीस और चार्ज

नाबालिक गाड़ी चलाते हुए पकड़ा गया तो माता-पिता पर भारी जुर्माना या जेल

नई दिल्ली (khabargali) देश में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया काफी लंबी और जटिल प्रक्रिया है जिसके कारण लाइसेंस बनवाने में दलाली और अनावश्यक परेशानी जैसी चीजें लोगों को झेलनी होती है। अधिकांश लोग इससे बचने के लिए अपने बालिग हो रहे बच्चों का लाइसेंस बनाने में देर कर देते हैं और उनके नाबालिग बच्चे वाहन लेकर रोजमर्रा के कामों को निपटाने सड़कों पर निकल पड़ते हैं जिसका असर पूरे देश की सड़क सुरक्षा पर पड़ता है। इसलिए, इन कमियों को दूर करने के लिए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारत में मौजूदा ड्राइविंग नियमों में बड़े बदलाव करने की घोषणा की है। ये बदलाव न सिर्फ सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे बल्कि, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को भी आसान बनाएंगे।

नए नियमों के तहत 3 बड़े बदलाव किए गए हैं। ड्राइविंग स्कूल में टेस्ट दे सकेंगे - नए नियमों के मुताबिक, नए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए RTO में टेस्ट देने की मौजूदा बाध्यता खत्म हो जाएगी और 1 जून से आप प्राइवेट ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर जाकर टेस्ट दे सकेंगे।

जून से ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में होंगे ये बड़े बदलाव

1. पहले तो टेस्ट सिर्फ RTO ऑफिस में ही होता था, अब आप अपनी पसंद के किसी भी नजदीकी टेस्ट सेंटर पर टेस्ट दे सकते हैं। ये टेस्ट सेंटर प्राइवेट कंपनियां चलाएंगी, जिन्हें सरकार से मान्यता प्राप्त होगी।

2. गाड़ी चलाते समय बिना लाइसेंस पकड़े जाने पर अब और सख्त सजा मिलेगी। जुर्माना 2,000 रुपये तक हो सकता है। अगर कोई नाबालिक गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके माता-पिता पर भी 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है या उन्हें जेल की हवा खानी पड़ सकती है, साथ ही गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी रद्द हो सकता है ।

3. लाइसेंस बनवाने के लिए अब कम कागजी कार्रवाई करनी होगी। आपको सिर्फ वही ज़रूरी दस्तावेज़ देने होंगे, जो आपके लाइसेंस के प्रकार के हिसाब से बताए जाएंगे। परिवहन विभाग आपको पहले ही बता देगा कि आपको कौन-से दस्तावेज़ चाहिए।

4. भारत की सड़कों को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए, सरकार पुराने सरकारी वाहनों को धीरे-धीरे कम करने और बाकी गाड़ियों के प्रदूषण मानकों को सख्त करने के तरीके ढूंढ रही है।

5. लाइसेंस के लिए आवेदन करने का तरीका अभी भी वही रहेगा। आप ऑनलाइन (https://parivahan.gov.in/) या सीधे RTO कार्यालय जाकर आवेदन कर सकते हैं।

प्राइवेट ड्राइविंग स्कूलों के लिए होंगे ये नए नियम

 1.जगह की ज़रूरत टू-व्हीलर की ट्रेनिंग के लिए ड्राइविंग स्कूल के पास कम से कम 1 एकड़ ज़मीन होनी चाहिए, और फोर-व्हीलर के लिए 2 एकड़ ज़मीन।

2. टेस्ट की सुविधा स्कूल में ही गाड़ी चलाने का टेस्ट देने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।

3 . ट्रेनर की योग्यता: ट्रेनर को कम से कम हाईस्कूल पास होना चाहिए, 5 साल का गाड़ी चलाने का अनुभव होना चाहिए, और उन्हें बायोमीट्रिक और आईटी सिस्टम की जानकारी भी होनी चाहिए।

4.ट्रेनिंग की अवधि: हल्के मोटर वाहन (LMV): ट्रेनिंग 4 हफ्तों में पूरी होगी, जिसमें 8 घंटे थ्योरी और 21 घंटे प्रैक्टिकल ट्रेनिंग शामिल है।

भारी मोटर वाहन (HMV): ट्रेनिंग 6 हफ्तों में पूरी होगी, जिसमें 8 घंटे थ्योरी और 31 घंटे प्रैक्टिकल ट्रेनिंग शामिल है।

लाइसेंस से जुड़ी फीस और चार्ज ये होंगे :

लर्नर लाइसेंस बनवाना (फॉर्म 3): ₹ 150

लर्नर लाइसेंस टेस्ट फीस (पहली बार या दोबारा): ₹ 50

ड्राइविंग टेस्ट फीस (पहली बार या दोबारा): ₹ 300

ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना: ₹ 200

अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट जारी करना: ₹ 1000

लाइसेंस में एक और वाहन कैटेगरी जोड़ना: ₹ 500

ड्राइविंग लाइसेंस का रिन्यूवल: ₹ 200

समय सीमा के बाद ड्राइविंग लाइसेंस का रिन्यूवल: ₹ 300 + देरी के हर साल या उसके हिस्से पर ₹ 1,000 का अतिरिक्त शुल्क (समय सीमा खत्म होने के बाद से)

ड्राइविंग स्कूल के लिए डुप्लीकेट लाइसेंस जारी करना: ₹ 5000 लाइसेंस प्राधिकरण के आदेशों के खिलाफ अपील (नियम 29): ₹ 500

ड्राइविंग लाइसेंस में पते या अन्य विवरण में बदलाव: ₹ 200