अब स्निफ़र डॉग पहचान कर पाएंगे भीड़ में कोविड संक्रमितों की

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डेस्क(khabargali)। वैज्ञानिकों का कहना है कि बंदिशें खुलने के बाद कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में स्निफ़र डॉग अहम भूमिका निभा सकते हैं.

एक ट्रायल के तहत कुत्तों को उस ख़ास तरह की गंध को पहचानने की ट्रेनिंग दी जा रही है जो वायरस से संक्रमित लोगों में पैदा होती है. इंसान इस गंध की पहचान नहीं कर सकते.

अगर यह ट्रायल सफल रहा तो एयरपोर्ट या ज़्यादा भीड़ वाली जगहों पर कोरोना संक्रमितों की पहचान करना आसान हो जाएगा.

हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि कुत्ते जिन लोगों की पहचान करेंगे, वे वाक़ई कोरोना संक्रमित हैं या नहीं, इसकी पुष्टि करने के लिए लैब टेस्टिंग की ज़रूरत होगी.

इस ट्रायल में शामिल कुत्ते कोरोना से जूझ रहे 88% लोगों की ही पहचान संक्रमित के तौर पर कर पाए. वहीं जब उनके सामने स्वस्थ लोग लाए गए तो उनमें से 14% को उन्होंने वायरस से संक्रमित समझ लिया.

कुत्तों के सूंघने की क्षमता आम इंसानों की तुलना में एक लाख गुणा ज़्यादा होती है. इसी कारण वे ड्रग्स और विस्फोटकों की पहचान कर पाते हैं.

हालिया शोध बताते हैं कि स्पैनियल और रिट्रीवर जैसी नस्लों के कुत्तों में कैंसर, पार्किन्सन्स और मलेरिया जैसी बीमारियों की गंध पकड़ने की क्षमता होती है.