ब्रेकिंग : पूर्ण शराबबंदी पर अशासकीय संकल्प मत विभाजन के बाद अस्वीकृत

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1 जनवरी 2022 से शराबबंदी की मांग की गई थी..सरकार ने कहा,'समिति गठित की है..विचार जारी है!

रायपुर (khabargali) पूर्ण शराबबंदी को लेकर विपक्ष द्वारा पेश किया गया अशासकीय संकल्प मत विभाजन के बाद अस्वीकृत हो गया. इसमें कहा गया था कि सदन का यह मत है कि 1 जनवरी 2022 से पूर्ण शराबबंदी की जाये. इस अशासकीय संकल्प को भाजपा के विधायक शिवरतन शर्मा ने पेश किया. यह अशासकीय संकल्प आज विधानसभा में इसे पेश किया गया तो सदन में चर्चा हुई. सरकार की ओर से जवाब देते हुए मोहम्मद अकबर ने कहा कि पूर्ण शराबबंदी कहीं भी सफल नहीं है. भाजपा ने इस मसले पर अशासकीय संकल्प पेश किया था, लेकिन वह मत विभाजन के बाद बहुमत के आधार खारिज कर दिया गया. इसके बाद सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि शराबबंदी पर अभी कोई विचार नही हुआ है.

मंत्री मोहम्मद अकबर ने सदन में कहा कि इस मामले में राजनैतिक समिति की बैठक हुई, प्रशासनिक समिति की बैठक हुई, राजनैतिक समिति में अब तक भाजपा, जोगी कांग्रेस और बीएसपी दल से नाम माँगे गए थे जो अब तक नहीं आए हैं. अकबर ने कहा कि इस मामले में तीन समितियां गठित की गई हैं जिनमें विभिन्न समाज के लोग शामिल हैं. मणिपुर, केरल समेत कई राज्यों में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई लेकिन सफल नहीं हुई. वहीं कोरोना काल में जबकि सब बंद था, सेनेटाईजर और स्पिरिट पीकव लोगों की मौतें हुईं..फिर भी पूर्ण शराबबंदी के लिए अध्ययन जारी है. इसके बाद विपक्ष ने मत विभाजन की मांग की. मत विभाजन में अशासकीय संकल्प के पक्ष में 13 वोट पड़े, वहीं विपक्ष में 58 वोट पड़े जिसके बाद सदन में अशासकीय संकल्प अस्वीकृत हो गया.

सदन में संकल्प पेश करन के दौरान चर्चा करते हुए विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने शपथ लिया था कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि शिवरतन शर्मा अपनी बात ग़लत कथन के साथ रख रहे हैं। चर्चा में शिवरतन शर्मा ने कहा कि नशे की वजह से राज्य में अपराध बढ़ा है। कांग्रेस ने जब घोषणा पत्र में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था, कई राज्यों में दलों ने चुनावी घोषणा पत्र में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था। जनता का समर्थन मिला और सरकार बनते ही वादा पूरा किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में ढाई साल बीत जाने के बाद भी वादा पूरा किया गया। हर अपराध की पृष्ठभूमि में नशा है। पूरे प्रदेश में सरकारी संरक्षण में अवैध शराब की आपूर्ति की जा रही है।

प्रदेश में स्थिति क्या बन गई है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि शराबबंदी को लेकर बनाई गई कमेटी की बैठक तक नहीं हुई। इस पर मंत्री मो. अकबर ने कहा कि राजनीतिक समिति 19 अगस्त 2019 को बैठक हुई थी। वहीं प्रशासनिक समिति की बैठक भी हुई थी। सदन में मंत्री मो. अकबर ने कहा कि मणिपुर, केरल, तमिलनाडु में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई थी लेकिन सफल नहीं हुआ। कोरोना के वक़्त सेनिटाइज़र और स्पिरिट पीकर कई लोगों की मौत हो गई थी। राज्य सरकार ने तीन समितियाँ गठित की है। पूर्ण शराबबंदी के लिए अध्ययन किया जा रहा है।