पंथ निरपेक्ष व गैर राजनीतिक इस समूह को छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी का नाम दिया गया
कार्यक्रम में देश में फैली हिंसा और अराजकता के पीछे की घटनाओं पर भी चर्चा की गई
छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी में डॉक्टर, वकील, चार्टड अककॉउंटेंट, व्यापारी, छात्र समेत तमाम प्रबुद्ध जन शामिल हुए
रायपुर (khabargali) हाल में ही भारत सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी द्वारा कार्यक्रम का आयोजन कर एक संगोष्ठी के बाद विशाल तिरंगा यात्रा निकाली गई। छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी जिसमें डॉक्टर, वकील, चार्टड अककॉउंटेंट, व्यापारी, छात्र समेत तमाम प्रबुद्ध जन शामिल हुए। बूढ़ापारा स्थित रायपुर के धरना स्थल में छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी द्वारा यह आयोजन किया। कार्यक्रम में CAA जुड़े कानूनी, राजनीतिक, सामाजिक पहलुओं को सामने रखा। इसके अलावा कार्यक्रम में देश में फैली हिंसा और अराजकता के पीछे की घटनाओं पर भी चर्चा की गई।
कार्यक्रम में वक्ता के रूप में युवा , छात्र शामिल हुए
आयोजन में वक्ता के रूप में तन्मय बख्शी, शुभंकर द्विवेदी, शुभम उपाध्याय, शिक्त शर्मा, शुभम उपाध्याय, निकेश शुक्ला, विभु कौल, निखिल पूंसी, पारसनाथ चौधरी, प्रियंका गिलहरे, प्रणव धर्माणी शामिल थे।
200 के तिरंगे के साथ पदयात्रा निकाली
सभी के वक्तव्य के बाद बूढ़ापारा धरना स्थल से सप्रे शाला तक 200 के तिरंगे के साथ पदयात्रा निकाली गई। CAA के समर्थन में निकाली की इस पदयात्रा में भी समाज के प्रबुद्ध जनों के साथ साथ आम जन भी शामिल हुए।
शामिल प्रबुद्ध जनों ने ये कहा
कार्यक्रम में शामिल डॉक्टर, वकील, प्रोफेसर, व्यापारी, इंजीनियर और पेशेवर नागरिकों ने कहा कि CAA को लेकर समाज में जिस तरह का भ्रम फैलाया जा रहा है उसे दूर करने के लिए इस जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया है। आज के दौर में जिस तरह राजनीति और अन्य वैचारिक कारणों से समाज को भ्रम में डाला जा रहा है इस वजह से समाज के प्रबुद्ध जनों का यह दायित्य बनता है कि वो समाज को सही जानकारी दें। इसी वजह से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया | देश मे कुछ अराजक तत्व माहौल खराब करने की कोशिश निरन्तर करते रहे है और उन्हें हर बार नाकामी ही मिली है । वर्तमान में भी कानून विशेष (सीएए)को लेकर एक वर्ग देश मे भ्रांति फैलाकर अशांति फैलाने व अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहे हालांकि भारतीय सरकार सक्षम है इनके इरादों को ध्वस्त करने के लिये । सरकार कई मुद्दों पर देशहित के कार्य करती है और अस्थिरता पैदा करने वाले ऐसे तत्वों के चक्कर मे कई दूसरे कार्य अनावश्यक रूप से बाधित भी होते है।
ऐसा हुआ छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी का गठन
राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए कुछ प्रोफेशनल्स ने यह सोचा कि क्यो न सरकार के राष्ट्रहित के कार्यो को बाधित करने वाले तत्वों को जवाब दिया जाय और कुछ लोग जो अनावश्यक रूप से इनके द्वारा बरगलाए जा रहे है उनका भ्रम दूर किया जाए । इस हेतु उन्होंने आपसी विचारकर तमाम बुद्धिजीवी वर्ग को जिसमे विशेष रूप से डॉक्टर , इंजीनियर, सीए, अधिवक्ता ,प्रोफेसर सहित विचारक व अन्य बुद्धिजीवी शामिल हो उनका एक मंच बनाया और उन्हें एकत्रित कर एक विषय सामने रखा गया *सीएए* इस हेतु सभी से राय विमर्श के दौरान यह निष्कर्ष निकाला की देश मे अस्थिरता पैदा करने वाले इस माहौल में हम प्रोफेशनल व बुद्धिजीवी वर्ग को भी आम जनता को समझाने जनता के बीच जाना चाहिये । पंथ निरपेक्ष व गैर राजनीतिक इस समूह को छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी का नाम दिया गया और एक संगोष्ठी व रैली के माध्यम से आम जनता को जागरूक करने हेतु प्लान बनाया गया । कुछ दिक्कतों के बावजूद दिनांक 21 जनवरी मंगलवार को यह आयोजन निर्धारित किया गया । चूंकि यह आयोजन व्यक्तिगत या राजनैतिक महत्वाकांक्षा से परे था इसलिए काफी कम समय मे बहुत अच्छी संख्या में प्रोफेशनल्स व बुद्धिजीवियों का एक समूह राष्ट्रहित में अपना योगदान देने तैयार हो गया ।
आयोजन के सकिय सदस्य चंद्रकांत लुंकड़ ने बताया कि हांलंकि मंगलवार छुट्टी का दिन नही था उसके बावजूद आज इस संगोष्ठी में सम्मिलित 1500 की उपस्तिथि व रैली के भव्य स्वरूप ने इस आयोजन की सफलता की गवाही स्वयं दी। सभी वक्ताओं ने भी अपना कर्तव्य बखूबी निभाया।
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