झीरम नक्सली हमले कांड मे मंत्री लखमा की भूमिका संदिग्ध- डॉ. द्विवेदी ने दिया न्यायिक जांच आयोग को शपथ पत्र

dr shivnarayan divedi
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दन्तेवाड़ा चुनाव से ठीक पहले अपना शपथ पत्र देकर राज्य की राजनीति मे सनसनी मचा दी 

बिलासपुर (khabargali) वरिष्ठ नेता डॉ शिवनारायण द्विवेदी ने झीरम नक्सली हमले पर किया बड़ा खुलासा... उनका सीधा आरोप मंत्री कावासी की झीरम काण्ड में संदिग्ध भूमिका है। 25 मई 2013 को झीरम नक्सली हमले पर डॉ द्विवेदी ने बिलासपुर मे न्यायिक जांच आयोग पहुंच कर हाईकोर्ट में शपथपत्र देकर प्रदेश सरकार के मंत्री कवासी लखमा को घेरा है। डॉ शिवनारायण ने पूरी घटना का विस्तृत ब्यौरा देते हुए मंत्री कवासी लखमा की संदिग्ध भूमिका का जिक्र किया है।

लखमा ने आगे रैली में जाने के लिए क्यों मना किया...नक्सलियों ने सिर्फ उन्हे क्यों छोड़ा...?

डॉ द्विवेदी ने शपथपत्र में कहा की फायरिंग करते समय नक्सली कावासी को पहचान गए थे और जैसे ही कवासी लखमा ने अपना नाम बताया फायरिंग करना बंद कर दिया।  उसके बाद उन्होने आरोप लगते हुए कहा की नंद कुमार पटेल और उनके बेटे का परिचय देने के बाद दोनों की हत्या कर दी गई और कवासी लखमा को छोड़ दिया गया उन्होंने आगे कहा की सुकमा की रैली के बाद कावासी लखमा सुकमा से केशलूर भी नहीं जाना चाहते थे । शहीद नंदकुमार पटेल ने जबरन अपने गाड़ी में बैठाकर कवासी लखमा को केशलूर मे आयोजित रैली मे जाना है कहकर ले जा रहे थे हादसे के वक्त नक्सली केवल कवासी को ही पहचानते थे साथ ही उन्होनें कवासी को आराम से मौकायेवार्दात से जाने दिया।

गौरतलब है की झीरम काण्ड घटना के बाद से ही राज्य का एक अहम मुद्दा रहा है अब घायल प्रत्यक्षदर्शी डॉ द्विवेदी ने ठीक दन्तेवाड़ा चुनाव से ठीक पहले अपना शपथ पत्र देकर राज्य की राजनीति मे सनसनी मचा दी है डॉक्टर द्विवेदी ने आज हाईकोर्ट में न्यायिक जांच आयोग के समक्ष अपना शपथ पत्र प्रस्तूत कर दिया है जिसके बाद राज्य की राजनीति मे भूचाल आना स्वाभविक है।

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