
पहलगाम आतंकी हमले की दर्दनाक गवाही को जानकर दिल दहल जाएगा... पढ़ें पीड़ितों की आपबीती

श्रीनगर/पहलगाम (खबरगली) मिनी स्विटजरलैंड कहलाने वाली बायसरन घाटी मंगलवार सुबह से दोपहर के 3 बजे होने तक पर्यटकों की खिलखिलाहटों से गुलजार थी। अचानक से खिलखिलाहट चीत्कार में बदल गई। पहाड़ों के ऊपर से पाकिस्तानी कायर आतंकी आए और अंधाधुंध गोलियां बरसाकर चले गए। पीछे रह गए गम और दर्द के निशां। भय से कुछ वक्त खामोश हुई बायसरन घाटी अचानक से चारों तरफ से आ रही रोने की आवाज और बचा लेने की गुहार लगाती चीखों से गूंजने लगी। जिसे जहां और जिस तरह राह दिखी भागने लगा। किसी के चेहरे पर खून के छीटें थे, किसी की गर्दन से खून रिस रहा था, किसी के हाथ खून से सने थे।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों के पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर कम से कम 26 लोगों को मार डाला। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी दोपहर करीब तीन बजे सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम से 10 किलोमीटर दूर बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी। 26 मृतकों में ज्यादातर पर्यटक हैं, जबकि दो विदेशी और दो स्थानीय शामिल हैं। हमले में कम से कम 20 लोग घायल हुए हैं। यह मैदान घने देवदार के जंगलों और पहाड़ों से घिरा है। आतंकियों ने खाने-पीने की दुकानों के आसपास घूम रहे, टट्टू की सवारी कर रहे पर्यटकों पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी।
हमले की दर्दनाक कहानी रोंगटे खड़ी कर देंगी

पीड़ित महिला ने कहा-कुछ लोगों के कपड़े उतरवाकर धार्मिक पहचान की...मेरे पति को सिर में गोली मारी
घटनास्थल के कुछ वीडियो सामने आए हैं। इनमें चार लोग जमीन पर पड़े दिखाई दे रहे हैं, जिनमें एक बच्चा भी है, जबकि कुर्सी पर बैठा एक व्यक्ति खून से लथपथ है। वीडियो में दो महिलाएं मदद की गुहार लगाती दिख रही हैं। एक स्थानीय उन्हें दिलासा दे रहा है। हमले में बाल-बाल बची एक महिला ने बताया कि आतंकियों ने उसके पति से नाम पूछा और जब पता चला कि वह मुस्लिम नहीं है तो उसके सिर में गोली मार दी। आंतकियों ने कुछ लोगों के कपड़े उतरवा कर उनकी धार्मिक पहचान की। एक अन्य महिला ने बताया, गोलियां चलते ही लोग बचने के लिए भागने लगे, लेकिन कहीं छिपने की जगह ही नहीं थी।
पति के सिर पर गोली मारने के बाद आतंकियों ने कहा-तुम्हें नहीं मारेंगे, जाओ मोदी को बता दो

मृतकों में कर्नाटक के शिवमोगा के कारोबारी मंजुनाथ राव शामिल हैं। मंजुनाथ की पत्नी ने बताया कि आतंकियों ने उनके पति को सिर में गोली मारी। मैंने उनसे कहा, मेरे पति को मार दिया, मुझे भी मार दो। इस पर आतंकी बोले, तुम्हें नहीं मारेंगे, जाओ मोदी को बता दो। एक दिन पहले ही मंजुनाथ ने सोशल साइट पर वीडियाे डालकर कहा था कि यहां घूमने में बहुत आनंद आ रहा है।
मंजुनाथ के आखिरी शब्द थे...बहुत अच्छा था सबकुछ..
आतंकी हमले के दौरान का जो वीडियो वायरल हुआ है, उसमें कर्नाटक के मंजुनाथ की पत्नी के चेहरे पर चारों तरफ खून के छीटें पड़े हैं। डरी-सहमी सी पत्नी बदहवास सी हैं। पति के मारे जाने के बाद वह कुछ समझ ही नहीं पा रहीं। वहीं, एक वीडियो में दोनों पति-पत्नी हाउस बोट में घूमते हुए कश्मीर में घूमने के अनुभव को साझा कर रहे हैं। मंजुनाथ के आखिरी शब्द थे...बहुत अच्छा था सबकुछ।
छह दिन ही निभा सके सात जन्मों का साथ

मैदानों के बीचों-बीच अपने पति के शव के साथ बैठी जिस युवती की तस्वीर दिल दहला रही है ... वो रो-रोकर सुनाने लगी कि किस तरह से आतंकी आए और मारकर चले गए। कहने लगी कि हम लोग खड़े थे, वे लोग आए, एक दूसरे से कहा कि मुस्लिम नहीं हैं...ये कहते ही गोली चला दी। हाथों में लाल चूड़ा पहने एक युवती की चीख और आंखों से बरसते आंसू हर किसी के दिल को दहलादेने वाले थे। पति का शव मैदान के बीचोंबीच पड़ा था। कभी वो उसके पास जाकर इस आस में उसे झंझोड़ रही थी कि मानो वह उठ बैठेगा.. और कभी वो वहां मौजूद कुछ पत्रकारों और लोगों तक मेरे पति को बचा लो...की मदद मांगती नजर आ रही थी। हरियाणा के 26 वर्षीय विनय नरवाल नौसेना में अधिकारी थे। वो कोच्चि में तैनात लेफ्टिनेंट के पद थे तैनात। एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि 16 अप्रैल को उनकी शादी हुई थी। नरवाल पत्नी संग पहलगाम घूमने गए थे। विनय करनाल के रहने वाले थे। उनका एक मई को जन्मदिन भी था।
मेरी हेल्प करो...मेरे पति को बचा लो...
दूसरी तरफ एक महिला पर्यटक घायल पति को किसी तरह से उठाकर किनारे ले गई। किसी तरह से एक कुर्सी पर बैठाया। उसके बहते खून को रोकने के लिए अपना स्टोल उसके गले पर बांधा। तब तक वह खुद भी खून से सन चुकी थी। सहमी सी वह महिला भी बस चिल्लाती रही कि मेरी हेल्प करो...मेरे पति को बचा लो।
आतंकियों ने पिता से कलमा पढ़ने के लिए कहा, फिर मार दी गोलियां
आतंकी हमले में जख्मी हुई 26 वर्षीया आसावरी जगदाले ने पत्रकारों को बताया कि कैसे आतंकियों ने उनके 54 वर्षीय पिता संतोष जगदाले (पुणे के व्यवसायी) को जबरन तंबू से बाहर निकाला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन के लिए गाली दी और इस्लामिक वाक्य (कलमा) पढ़ने को कहा। जब उनके पिता ऐसा नहीं कर पाए, तो उनके सिर, कान के पीछे और पीठ में तीन गोलियां दाग दीं। उनके चाचा को भी 4-5 गोलियों से छलनी कर दिया गया। आसावरी ने बताया कि मंगलवार दोपहर 3:30 बजे जब उनका परिवार पहलगाम के नजदीक बैसरान घाटी में पिकनिक मना रहा था, तभी आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। परिवार ने पास के तंबू में शरण ली, लेकिन आतंकियों ने उनके पिता को चौधरी तू बाहर आ जा कहकर बुलाया और फिर तुमने मोदी का साथ दिया है कहते हुए उन पर गोलियां बरसा दीं।
खुफिया ब्यूरो के अधिकारी को बच्चे के सामने गोली मारी
हमले में हैदराबाद में तैनात आईबी के अधिकारी मनीष रंजन की भी मौत हो गई। मनीष बिहार निवासी थे। वह छुट्टी मनाने के लिए परिवार के साथ पहलगाम गए थे।उन्हें उनकी पत्नी और बच्चे के सामने गोली मारी गई। मनीष रंजन पिछले दो वर्षों से आईबी के हैदराबाद कार्यालय के मंत्री अनुभाग में कार्यरत थे।
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