कला प्रदर्शनी में दिखे जगन्नाथ के विभिन्न रूप

Various forms of Lord Shri Jagannath were seen in the Mahakoshal solo art exhibition of Dr. Praveen Sharma organized by Mahakoshal Kala Parishad, Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

कला रसिकों के अनुरोध पर प्रदर्शनी 07 जुलाई 2025 को भी देखी जा सकती है

Various forms of Lord Shri Jagannath were seen in the Mahakoshal solo art exhibition of Dr. Praveen Sharma organized by Mahakoshal Kala Parishad, Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

रायपुर (खबरगली) महाकोशल कला परिषद के द्वारा आयोजित डॉ प्रवीण शर्मा की महाकोशल एकल कला प्रदर्शनी में भगवान श्री जगन्नाथ के विभिन्न रूप देखने को मिला .कहीं कहीं रचनाओं में रौद्र रूप में, कहीं मुस्कान बिखेरते सौम्य स्वरूप, में श्रीजगन्नाथ जी नज़र आए् . इस प्रदर्शनी में भगवान जगन्नाथ के शांत और अहिंसक स्वरूप को दर्शकों ने खास तौर पर पसंद किया है . भगवान जगन्नाथ की बड़ी आंखें सौम्या मुस्कान और उनके चारों ओर उड़ने सफेद कबूतर के माध्यम से कलाकार ने शांति और प्रेम का संदेश देने का प्रयास किया है.

प्रत्येक प्रत्येक क्षेत्र में कोई ना कोई संदेश छिपा हुआ है इन रचना ऑन को तैयार करने में चारकोल, जल रंग पेस्टल, कंप्यूटर ग्राफिक, वुडकट कोलाज, अखबार की कटिंग, ब्रश तूलिका और कोच्चि जैसे विभिन्न माध्यमों को का प्रयोग किया गया है . यह मिश्रण हर क्षेत्र को एक अलग पहचान देता है. भगवान जगन्नाथ प्रवीण की प्रेरणा है और इस प्रदर्शनी के जरिए उन्होंने भगवान के विभिन्न स्वरूपों और उनके संदेशों को रचनात्मक अंदाज में लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया है. कला प्रदर्शनी का दर्शकों ने बड़ी संख्या में अवलोकन किया और छत्तीसगढ की संस्कृति को प्रदर्शित करती श्रीजगन्नाथ के विभिन्न रूपाकारों ने कला रसिकों को आकर्षित किया .58 रचनाएँ जो डाईंग, कोलाज, लोककला, डूडल,कम्प्यूटर ग्राफिक, लिनोकट प्रिंट, फोटोग्राफी कला, आदि का प्रयोग कलाकार ने अपने विगत अनुभव के आधार पर निर्मित किया है ,उसे दर्शकों ने सराहा.

Various forms of Lord Shri Jagannath were seen in the Mahakoshal solo art exhibition of Dr. Praveen Sharma organized by Mahakoshal Kala Parishad, Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

इस कला प्रदर्शनी में बलभद्र श्री जगन्नाथ और उनकी बहन सुभद्रा का अंकन रथ यात्रा में मंदिर में विराजे श्री जगन्नाथ जी उनके रथ को खींचते भक्तगण . श्री जगन्नाथ जी के सामने कीर्तन करते भक्ति जगन्नाथ जी के उत्सव में नृत्य करती आदिवासी बालाएं,जगन्नाथ की भक्ति आर लोक संस्कृति का चित्रण , मांदर की थाप पर जगन्नाथ जी के सामने झूमता आदिवासी नायक आदि विषय पर रचनाएं निर्मित की गई हैं. ऐसी रचनाओं की अभिव्यक्ति को कला रसिकों के अनुरोध पर अंतिम तिथि में एक दिन का संशोधन करते हुए उसे 7 जुलाई संध्या 5 से 7:00बजे के मध्य अंतिम तिथि को कलारसिक इस कला प्रदर्शनी का अवलोकन निशुल्क कर सकते हैं.

Various forms of Lord Shri Jagannath were seen in the Mahakoshal solo art exhibition of Dr. Praveen Sharma organized by Mahakoshal Kala Parishad, Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

विषय

इस कला प्रदर्शनी में बलभद्र ,श्री जगन्नाथ और बहन सुभद्रा का अंकन, रथयात्रा में मंदिर में विराजे श्री जगन्नाथ जी और उनके रथ को खींचते भक्त गण, श्री जगन्नाथ जी के सामने कीर्तन करते भक्तगण, जगन्नाथ जी के उत्सव में नृत्य करती आदिवासी बालाएं ,मांढ़र की थाप पर जगन्नाथ जी के सामने झुमता आदिवासी नायक , आदि विषय पर रचनाएं निर्मित की गई है. माध्यम जल, तैल रंग, पेस्टल ,एक्रेलिक,स्याही ,चारकोल, स्केच पैन, कोलाज, ग्राफिक, कम्प्यूटर ग्राफिक, फोटो ग्राफी, रेखांकन में मिश्रित माध्यम का इस्तेमाल किया गया है .

Various forms of Lord Shri Jagannath were seen in the Mahakoshal solo art exhibition of Dr. Praveen Sharma organized by Mahakoshal Kala Parishad, Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

कलाकार डॉ प्रवीण शर्मा की पच्चीसवीं एकल कला प्रदर्शनी हैं, जिसमें पच्चास रचनाएँ इस कला प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गई है,जो भगवान जगन्नाथ पर केंद्रीत है. अंतिम दिन प्रदर्शनी जगन्नाथ एकल कला प्रदर्शनी 07 जुलाई 2025 को दर्शकों के अवलोकनाथ निशुल्क अंतिम दिन खुली रहेगी.

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