पीएम मोदी आज रात सवा 12 बजे अमेरिकी संसद को संबोधित करेंगे.. दुनिया की नजरें भारत और अमेरिका पर..

Prime Minister Narendra Modi US visit, Washington DC, US President Joe Biden, White House, India, Khabargali

अमेरिका यात्रा के तीसरे दिन व्हाइट हाउस में पीएम मोदी का जोरदार स्वागत..

दोनों देशों के बीच हुए बड़े समझौते

वाशिंगटन (khabargali) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अमेरिका यात्रा के तीसरे दिन वाशिंगटन डीसी पहुंचे हैं। वाशिंगटन पहुंचते ही उनका जोरदार स्वागत हुआ। प्रधानमंत्री मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। यहां भारत का राष्ट्रगान गाया और बड़ी संख्या में जुटे लोगों ने वंदे मातरम के नारे लगाए। पीएम मोदी के इंतजार में वाइट हाउस के बाहर बड़े-बडे़ नेताओं की कतार लगी हुई थी। पीएम मोदी ने व्हाइट हाउस पहुंचकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात की। पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट में द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों देश व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाने के अपने संकल्प में एक साथ हैं। दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका संबंधों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की और हमारे लोगों की शांति और समृद्धि तथा वैश्विक भलाई के लिए उन्हें और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की। वहीं पीएम मोदी आज रात सवा 12 बजे अमेरिकी संसद को संबोधित करेंगे तो पूरे विश्व की नजर इस पर होगी। हाल के समय में यह सबसे अहम भाषण होने वाला है।

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वाइट हाउस में पीएम मोदी का संबोधन-

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय बैठक में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडन का भव्य स्वागत के लिए धन्यवाद दिया। पीएम मोदी ने कहा कि उमंग और उत्साह से भरे हुए भारतीय और अमेरिकी, मेरे प्यारे साथियों आप सबको नमस्कार... सबसे पहले मैं राष्ट्रपति बाइडन के मित्रतापूर्ण स्वागत और दीर्घ दृष्टिपूर्ण संबोधन के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि एक प्रकार से यह भारत के 140 करोड़ देशवासियों का सम्मान है, उनका गौरव है। आप हमेशा भारत के शुभचिंतक रहे हैं और जब भी आपको अवसर मिला आपने हमेशा भारत-अमेरिका के रिश्तों को ताकत दी है। मुझे याद है कि 8 साल पहले आपने यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल में महत्वपूर्ण बात कही थी। आपने कहा था कि 'हमारा लक्ष्य भारत का सबसे अच्छा मित्र बनना है'। यह आपके शब्द आज भी गूंज रहे हैं आज वाइट हाउस में शानदार स्वागत समारोह से एक प्रकार से भारत के 140 करोड़ देशवासियों का सम्मान और गौरव है। ये सम्मान अमेरिका में रहने वाले 4 मिलियन से अधिक भारतीय लोगों का भी सम्मान है।

वाइट हाउस पहली बार बाहर से देखा था: पीएम मोदी-

पीएम मोदी ने कहा कि दोस्तों तीन दशक पहले एक साधारण नागरिक के रूप में मैं अमेरिका यात्रा पर आया था। उस समय मैंने व्हाइट हाउस को बाहर से देखा था। पीएम बनने के बाद मैं यहां कई बार आया। पर इतनी बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकियों के लिए पहली बार व्हाइट हाउस के द्वार खोले गए हैं।

व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति बाइडन ने अपने संबोधन में यह कहा-

प्रधानमंत्री आपका फिर से स्वागत है। मैंने हमेशा विश्वास किया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच यह रिश्ता 21वीं सदी के सबसे अहम संबंधों से एक है। हमारे संविधान के पहले शब्द यही है कि 'हम, देश के नागरिक, हमारे लोगों के बीच स्थाई संबंध और साझे मूल्य और वर्तमान के मुद्दों से निपटने के लिए वैश्विक नेताओं के रूप में हमारी साझी जिम्मेदारी है। बाइडन बोले भारत और अमेरिका मिलकर काम कर रहे हैं। यह सब अमेरिका और भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम पीढ़ियों में ऐसे मोड़ पर आते हैं जहां निर्णय लेना महत्वपूर्ण होता है। हम अग्रणी देशों के रूप में और सच्चे भागीदारों के रूप में निवेश को आकर्षित कर सकते हैं।

दोनों देशों के बीच बड़े समझौते हुए

रक्षा सौदों पर -

अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस ने बृहस्पतिवार को भारतीय वायु सेना के हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए)-एमके-2 तेजस के जेट इंजन के संयुक्त उत्पादन के लिए हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ समझौता किया। इस समझौते को मील का पत्थर माना जा रहा है। समझौते में जीई एरोस्पेस के एफ 414 इंजन के भारत में संयुक्त उत्पादन की संभावना शामिल है।

एच-1बी वीजा पर-

अमेरिका नवीकरणीय एच-1बी वीजा की शुरुआत करने वाला है और यह महत्वपूर्ण फैसला देश में रह रहे हजारों भारतीय पेशेवरों को यहां ठहरने में मदद करेगा तथा उन्हें अपने ‘कार्य वीजा’ के नवीनीकरण के लिए स्वदेश की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।

अंतरिक्ष पर-

व्हाइट हाउस ने कहा कि भारत ने अर्टेमिस संधि में शामिल होने का फैसला किया है तथा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 2024 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए एक संयुक्त मिशन भेजने पर सहमत हुए हैं। इसके अलावा नासा और इसरो 2024 में आईएसएस के लिए एक संयुक्त मिशन पर भी सहमत हुए हैं। अब तक 25 देश अर्टेमस संधि पर हस्ताक्षर कर चुके हैं।