पटाख़ों की गूंज पर बारिश का ब्रेक !! बईमान मौसम से बने मौजूदा हालात पर एक रिपोर्ट

Diwali and rain

27 नवंबर को दिवाली और मौसम हुआ बईमान क्या दीपावली के उत्साह को बारिश की बूंदें कम कर देंगी.. हालिया माहौल पर एक नजर

रायपुर (khabargali@अजय सक्सेना) "इस बार गर्मी राखी मनाकर गई। ठंड होली करके। अब ये बारिश भी कह रही है, मैं तो दिवाली करके ही जाऊंगी..."

न जाने किसने यह बात कही पर यह सच होने जा रहा है शायद. शहर में लगातार तीन दिन से झमाझम बारिश से लोगों के मन में आशंकाओं के बादल घमड़-घूमड़ रहे हैं. दिवाली में क्या होगा? 27 नवंबर को दिवाली है. क्या दीपावली के उत्साह को भी बारिश की बूंदें कम कर देंगी. पहले ही दुर्गा पूजा और गरबा के उत्साह पर बारिश पानी डाल चुकी है. इसी कारण माैसम को लेकर लोगों का मन-मिजाज चिंतित है. 

मौसम विभाग का यह कहना है

मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिन बारिश पूरे छत्तीसगढ़ को भिगो सकती है. मौसम विभाग का पूर्वानुमान है की बारिश 1 सप्ताह से ज्यादा समय के लिए हो सकती है. इस बीच, मौसम विभाग ने बिहार और पूर्वी यूपी के लिए भी अलर्ट जारी किया है. यहां भी 1 हफ्ते बारिश की संभावना जताई जा रही है. अक्टूबर माह में बारिश की वजह दरअसल, बारिश की वजह बंगाल की खाड़ी में बना बड़ा चक्रवात और अरब सागर में उठ रहे चक्रवात को बताया जा रहा हैं.

उत्तरी और दक्षिण छत्तीसगढ़ में होगी ज्यादा बारिश 

छत्तीसगढ़ के बस्तर, रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग में बारिश होने की पुरी संभावना हैं. उत्तरी और दक्षिण छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा बारिश होगी. सबसे ज्यादा नुकसान खेत की फसलों को मौसम वैज्ञानिक के अनुसार राज्य में होने वाली बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान खेत की फसलों को पहुंच सकता है. ऐसे में किसानों की दीपावली उमंग फीकी पड़ जाएगी. साथ ही साथ मौसम के प्रभाव से सर्दी भी बढ़गी. भारत के दक्षिण, पूर्व के कुछ राज्य और महाराष्ट्र के इलाकों में अगले एक हफ्ते तक बारिश हो सकती है.

6 राज्यो में भी यही हालात

मध्यप्रदेश में धनतेरस से दीपावली तक बादल बने रहेंगे। दीपावली पर बारिश होने के 55 फीसदी आसार हैं। मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक 27 अक्टूबर को इंदौर सहित कई जिलों में कहीं हल्की बारिश तो कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। बंगाल की खाड़ी में नमी मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से पर्याप्त नमी मिलने और पुरवा हवा का रुख होने से पूर्वांचल में बादलों की सक्रियता बनी हुई है. वहीं हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों पर रह रहकर हो रही बर्फबारी से भी ठंड में इजाफा आगे होने की उम्मीद है. वहीं आने वाले दो से चार दिनों तक बादलों की आवाजाही बनी रह सकती है. उत्तर प्रदेश की राजधानी के आस-पास के इलाकों में सुबह से बादल की आवाजाही बनी हुई है. इस कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश में छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है. बुधवार को लखनऊ का न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग के अनुसार बादलों की आवाजाही के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश में छिटपुट बारिश की संभावना है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा. ओडिशा के भी कुछ हिस्सों में लगातार हो रही बारिश से रेल और सड़क यातायात तो प्रभावित है साथ ही निचले इलाकों में भी पानी भर गया है. बिहार की राजधानी पटना और इसके आसपास के क्षेत्रों में भी बुधवार को बादल छाए हुए हैं. मौसम विभाग ने 24 घंटे के दौरान राज्य के कई क्षेत्रों में बारिश के आसार जताए हैं. इस बीच, तापामन में भी गिरावट दर्ज की गई है. बुधवार को पटना का न्यूनतम तापमान 22.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

हाट बाजार में व्यापारियों सहित खरीदारों को होगी खासी दिक्कत

राजधानी में दिवाली पूर्व के हाट बाजार में व्यापारियों सहित खरीदारों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। बारिश के कारण दुकानों पर रखा सामान भीग गया। व्यापारी सामान को भीगने से बचाने के लिए जद्दोजहद करते नजर आए। किसी ने इसे तिरपाल से ढंका तो किसी ने प्लास्टिक से इसे भीगने से बचाने की असफल कोशिश की। विभिन्न गांवों से खरीदी करने आए लोग भी भीगने से बचने के लिए दुकानों और होटलों पर लगे शेड का आसरा लेते नजर आए। गौरतलब है कि दीवाली पूर्व लगे हाट बाजार में कपड़े, धानी-बताशे, दीपक, लक्ष्मीजी की प्रतिमा, पटाखे और पड़वा पर बैलों सहित मवेशियों का श्रृंगार करने के लिए विभिन्न सामग्री की दुकानें लगती हैं . लेकिन बारिश ने सबकुछ तरबतर कर दिया।

दीपावली में ही गर्म कपड़े पहनने की बन सकती है मजबूरी

मौसम बुलेटिन के मुताबिक 27 अक्टूबर को दीपावली से ठीक एक दिन पहले 26 अक्टूबर को 100 से 126 एमएम बारिश पड़ने की आशंका है.अगर ऐसा हुआ तो एकाएक ठंड दस्तक दे सकता है. यानि दीपावली के अवसर पर ही लोग गर्म कपड़े पहनने को मजबूर हो सकते हैं .

वाटर प्रूफ़ रावण के पुतले बने थे

इस बार दशहरे में रावण के पुतले बनाने वाले ज्यादातर लोग पुतलों को बारिश से बचाने के लिए ओवर टाइम तक कर रहे थे। उन्होंने पुतलों को प्लास्टिक की शीटों से ढक दिया है। पुतलों में बारिश का पानी घुस जाने के कारण उनके अंदर भरे पटाखे भी गीले होने के कारण नहीं फूट पाते। पुतलों के ऊपर वाटरप्रूफ शीटें चिपकाई गई हैं। देश में कई जगह वॉटरप्रूफ रावण बनाया गया था. बारिश के कारण शहर में अधिकांश दुर्गा पूजा पंडाल भी प्रभावित हुए, लेकिन इससे लोगों के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं आई।

फुटकर व्यापारियों में बैचेनी बढ़ी

व्यापारियों ने खबरगली से कहा कि इस बार दीपावली से पहले राज्य के बाजारों में वैसी रौनक नहीं है, जैसी हम उम्मीद कर रहे थे। भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसलों को बड़े नुकसान के कारण धंधा मंदा है, क्योंकि मौसम की मार से किसानों की क्रय शक्ति पर बुरा असर पड़ा है।  व्यापारियों ने कहा बारिश सहित बिक्री नहीं होने के कारण नुकसान उठाना पड़ सकता है. सबसे अधिक नुकसान पटाखा और रंगोली व्यापारियों को होगा. वहीं लोगों का कहना है इस दौरान बारिश नहीं हो तो ही सही ढंग से त्योहारी खरीदी कर सकेंगे.

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