सावधान! किसी अजनबी का फोन उठाने और सोशल मीडिया में जुड़ने से पहले ठगी की इन 7 घटनाओं को पढ़ लें..ख़बरगली विशेष

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रायपुर (khabargali) इन दिनों साइबर अपराधी बड़े पैमाने में सक्रिय हैं। इंटरनेट पर फ़र्जी लिंक की भरमार हो चुकी है। आए दिन ऐसी खबरें आ रही हैं कि लोग मोबाइल पर और इंटरनेट पर साइबर ठगों के चंगुल में फंसकर फर्जी कॉल और मैसेज से उनकी बातों में आ कर फ्रॉड का शिकार होते जा रहे हैं। इसकी यह भी वजह है कि इंटरनेट पर लोगों की निर्भरता कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते पहले से ज्यादा हो गई है। लोग सोशल मीडिया में अनजान लोगों से दोस्ती कर ठगी के शिकार हो रहे हैं तो कहीं अनजान कॉल में गलती से डेबिट कार्ड नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर, सीवीवी, ओटीपी आदि लीक कर धोखाधड़ी के जाल में आसानी से फंस रहे हैं। ख़बरगली आपको कुछ ऐसे हाल में घटित मामलों से रूबरू करा रही है ताकि आप भविष्य में सावधान रहें।

केस 1. सोशल मीडिया में अनजान युवक से महंगी पढ़ी दोस्ती, महिला ने गंवा दिये साढ़े सात लाख रुपये

राजधानी के खमतराई के श्रीनगर की रहने वाली ममता जेना को फेसबुक के माध्यम से क्लीन्टन मफ्री का नाम के किसी व्यक्ति का फ्रैंड रिक्वेस्ट आया था। एक हफ्ते फेसबुक में बातचीत के बाद उसने प्रार्थिया का मेाबाईल नंबर मांगा, अनजान युवक पर भरोसा करते हुए महिलाने उसे अपना मोबाईल नंबर दे दिया। जिसके बाद उनकी वाट्सअप पर बात हुई, आरोपी ने व्हाट्सएप में महिला से चैट में बोला कि मैं एक डक्टर हूं आपके चेहरे मे जो दाग है उसे ठीक करवा दूंगा। मै आपके मदद के लिए कुछ गिफ्ट और पैसे पार्सल के माध्यम से भेज दूंगा। इसके दो तीन दिन बाद एक अज्ञात व्यक्ति महिला को फोन कर बोला कि मैं दिल्ली इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से बोल रहा हूं।आपका पार्सल आया है, फोन करने वाले व्यक्ति ने इसके लिए मोबाइल नंबर और कस्टम क्लियरेंस के लिए 36 हजार रुपये की मांग की। महिला ने उसके अकाउंट नंबर पर पेटीएम के माध्यम से 36 हजार रुपये डाल दिए। फिर इसके बाद आरोपी द्वारा बार-बार फोन कर अलग-अलग चार्ज लगेगा बताकर उससे और पैसे वसूल लिए। इस तरह महिला ने उसे साढ़े सात लाख रुपये दे दिये। इतनी बड़ी रकम से हाथ धोने के बाद महिला को अहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हुई है। जिसके बाद उसने खमतराई थाना में अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज कराया। मामले में पुलिस ने नाइजीरियन गैंग के लोगो का हाथ होने की संभावना जताई है।

केस 2. कैश बैक के नाम पर मंगा OTP, 3 बार में बैंक खाता खाली

छत्तीसगढ़ के गौरेला में शातिर बदमाशों ने एक कपड़ा व्यापारी से ऑनलाइन 54 हजार रुपए से ज्यादा ठग लिए। बदमाशों ने व्यापारी को फोन-पे से पेमेंट करने पर कैश बैंक मिलने का झांसा दिया था। व्यापारी ने जब मोबाइल से खाते का बैलेंस चेक किया तो उसे ठगी का पता चला। इसके बाद उसने बैंक के साथ ही गौरेला थाने में शिकायत दी है। जानकारी के मुताबिक, सुंदर नगर, सारबहरा निवासी गौरीशंकर तिवारी का खाता स्थानीय स्टेट बैंक की शाखा में है। उनके मोबाइल 4 नवंबर को एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद का नाम अविनाश कुमार सिंह बताया। कहा कि वह नई दिल्ली स्थित फोन-पे के ऑफिस से बोल रहा है। बताया कि फोन-पे इस्तेमाल करने पर उनको कैशबैक मिला है। कैशबैक लेने के लिए OTP बताने की बात कही शातिर ठग ने गौरीशंकर से कैश बैक लेने के लिए मोबाइल पर आए OTP नंबर बताने की बात कही। इसके बाद तीन बार OTP आया और गौरीशंकर बताते रहे। फोन कटने के बाद उन्होंने मोबाइल से बैलेंस चेक किया तो पता चला कि उनके खाते से 54397 रुपए निकल गए हैं और सिर्फ 50 रुपए बचे हैं। इस पर उन्होंने आए नंबर पर कॉल किया तो वह नंबर बंद मिला

केस 3. फेसबुक पर दोस्ती कर महिला डाक्टर हुई आनलाइन ठगी की शिकार

रायपुर की एक महिला डाक्टर आनलाइन धोखाधड़ी की शिकार हो गई है। जिला अस्पताल में कार्यरत 36 वर्षीय डा. वर्षा धनवानी को फेसबुक पर डा. माइक के नाम से एक फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट मिली थी और जबर्दस्ती उपहार भेजने के लिए जिद करने लगा जिस पर उसने सहमति जताते हुए उसे खाते में 30 हजार रुपये भेज दिए, फिर दोबारा 1 लाख 35 हजार रुपये की मांग करने पर उसके पति को शक हुआ और उसने खम्हारडीह थाने में मामला दर्ज करवाया। शातिर जालसाज ने अपनी प्रोफाइल में खुद को शिशु रोग विशेषज्ञ बताया था। इसे देखकर वर्षा ने रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली। इसके बाद माइक ने जबरदस्ती उपहार भेजने की जिद की। डा. वर्षा ने अपने पति को इस बारे में जानकारी दी। पति ने वर्षा को उपहार लेने पर सहमति दे दी। इसके बाद 23 अक्टूबर को अज्ञात मोबाइल नंबर से वर्षा को फोन आया कि उपहार भेज दिया गया है। 26 अक्टूबर को वर्षा को दूसरे अज्ञात नंबर से फोन आया, सामने वाले ने पार्सल की सूचना देते हए कस्टम चार्ज के रूप में 30 हजार रुपये की मांग की। इसके बाद वर्षा ने उसके बताए हुए बैंक खाते में पैसा जमा करा दिया । वर्षा को दोबारा अज्ञात मोबाइल धारक ने फोन कर बड़ी प्राब्लम में फंसे होने और मामले को सुलझाने के लिए एक लाख 35 हजार रुपये की मांग किया । तब जाकर वर्षा के पति आशंका हुई कि वे धोखाधड़ी के शिकार हो गए हैं। इसके बाद उन्होंने पुलिस थाने में इसकी सूचना दी। पुलिस ने दोनों अज्ञात मोबाइल नंबर धारकों के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर लिया गया है। साइबर सेल को मामले की जानकारी साझा कर आरोपियों की तलाश की जा रही है।

केस 4. कोरोना बीमा प्रधानमंत्री की योजना बताकर की लाखों की ठगी, पुलिस ने दो आरोपी को दबोचा

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में कोरोना बीमा के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करने का ताजा मामला सामने आया है। शिकायत के बाद पुलिस ने दो आरोपियों को दबोचा है। जानकारी के अनुसार दो लोगों ने कोरोना बीमा प्रधानमंत्री की योजना बताकर 12 से ज्यादा लोगों से लाखों रुपए वसूले हैं। वहीं ठगी का एहसास होने पर वाड्रफनगर थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। दोनों की पहचान कर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कर जांच कर रही है। वहीं कुल कितने रुपए लोगों से वसूले हैं। अभी इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।

केस 5. 'कौन बनेगा करोड़पति' के नाम पर हो रही है ठगी

कोण्डागाँव जिला पुलिस ने लोगो से आग्रह किया है कि वे लगातार हो रही साईबर ठगी से सावधान रहें. पुलिस ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि क्षेत्र में आजकल व्हाट्सअप में प्रसिद्ध खेल 'कौन बनेगा करोड़पति' का सही जवाब देने पर रू. 2500000/- पच्चीस लाख जितने का मौका देने संबंधी मैसेज आ रहा है। इस साल कौन बनेगा करोड़पति का 11वां सीजन है। ऐसे में साईबर ठगों ने लोगो से ठगी करने के लिए केबीसी का सहारा लिया है। केबीसी का नाम लेकर लोगों को ठगा जा रहा है। लोगो को व्हाटसअप से कालिंग कर बताया जा रहा है कि वह केबीसी से बोल रहा है और लाॅटरी में 25 लाख रूपये निकलने की बात कही जा रही है। सायबर ठग ने लाॅटरी की रकम पाने के लिए व्हाट्सअप नंबर दिया है।

केस 6. जज की पत्नी के खाते पर ऑनलाइन ठगों ने लगाई सेंध, 24 हजार पार

राजधानी रायपुर में न्यायिक मजिस्ट्रेट की पत्नी के साथ ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस लाइन निवासी रिंकल लालवानी के पास सोमवार को लगभग 11:30 बजे एक अज्ञात नंबर से कॉल आया, जिसने अपने आप को आंगनबाड़ी से होना बताया और प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के अंतर्गत 5 हज़ार रुपए बैंक खाता में डालने की बात कही। इसके लिए वेरिफिकेशन की बात करते हुए अज्ञात आरोपी ने रिंकल से उनका आधार नंबर पूछा और बैंक पासबुक का फोटो, बैंक का कैंसिल चेक सहित डेबिट कार्ड की फोटो व्हाट्सएप करने को कहा। रिंकल द्वारा ऐसा नहीं करने पर अज्ञात मोबाइल धारक आरोपी ने उन्हें क्विक सपोर्ट नामक ऐप को डाउनलोड करने कहा, इसके बाद उस पर यूजर आईडी और ALLOW वाला ऑप्शन क्लिक करते ही रिंकल का फोन हैक हो गया, जिसके बाद आरोपी ने OTP के माध्यम से रिंकल के नागपुर महाराष्ट्र स्थित ICICI बैंक खाते से कुल 3 बार में 24 हज़ार रुपए उड़ा लिए।

केस 7. फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ : एक साल में कर चुके है 10 करोड़ की ठगी… मास्टरमाइंड समेत 17 गिरफ्तार

यह मामला दिल्ली का है पर आपको जागरूक करने के लिए इस मामले को भी जानिए। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक फेक कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए मास्टरमाइंड समेत 17 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनमें से वे लोग भी शामिल हैं जो कॉल सेंटर में बैठकर लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए फोन किया करते थे। पुलिस के मुताबिक इनके टारगेट पर विदेशी लोग होते थे। ये अपने सेंटर में बैठकर दुनिया के किसी भी हिस्से में किसी के कंप्यूटर पर पॉप अप भेज देते और फिर उस शख्स को फोन करते और उसे कहते कि आपके कंप्यूटर में वायरस अटैक हो गया है। और जल्द ही अगर आपने इसका उपाय नहीं किया तो न सिर्फ आपका पूरा डेटा बल्कि बैंक अकाउंट का डिटेल भी चोरी हो सकता है। सामने वाला अगर इनकी बातों में आ जाता तो यह उससे उसके कंप्यूटर का कंट्रोल अपने हाथों में ले लेते और फिर वायरस क्लीन करने के नाम पर फीस वसूलते यह सारा धंधा पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन से चल रहा था। सटीक जानकारी के बाद पुलिस ने जब मौके पर रेड की तो वहां पर पुलिस को इस पूरे गोरखधंधे के मास्टरमाइंड साहिल दिलावरी समेत 17 लोग मिले। पुलिस ने तुरंत सब को हिरासत में ले लिया उस सेंटर पर 20 कंप्यूटर सेट भी लगे हुए थे। पुलिस ने जब मौके पर रेड की तो उस समय ये लोग इंग्लैंड की एक डॉक्टर महिला को अपनी ठगी का शिकार बनाना चाहते थे और उससे लगातार बातचीत कर रहे थे फिर पुलिस ने उस फोन कॉल को ले लिया और उस महिला को समझाया यह सब कुछ झूठ है ना तो आपके कंप्यूटर में कोई वायरस अटैक हुआ है और न किसी तरीके से घबराने की कोई जरूरत है यह ठगों का एक तरीका है। पुलिस ने बताया कि यही लोग पहले पॉप अप भेजते हैं और फिर वायरस क्लीन करने के नाम पर लोगों से मोटी रकम वसूलते हैं। पुलिस का कहना है कि पिछले 1 साल के अंदर इन लोगों ने 10 करोड़ से ज्यादा की ठगी की है। पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपी साहिल पिछले 3 सालों से फेक कॉल सेंटर के जरिए विदेशी नागरिकों को अपनी ठगी का शिकार बना रहा था। एक दूसरे तरीके में ये लोग विज्ञापन देते और लोगों के पास मैसेज भेजते कि अगर प्रिंटर इंस्टॉलेशन में कोई दिक्कत है तो इनके कॉल सेंटर पर मुफ्त सहायता के लिए कॉल किया जा सकता है। जैसे ही लोग इनके कॉल सेंटर पर फोन करते इनकी वही ठगी की पूरी कहानी शुरू हो जाती और वायरस के नाम पर डरा कर यह लोगों से रकम वसूल लेते। पुलिस का कहना है कि एक अनुमान के मुताबिक पिछले 1 साल में लोगों ने यूएस और कनाडा के 2,200 से ज्यादा नागरिकों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है इस पूरे मामले की जांच अभी जारी है।