सीता जनकपुरहिन अऊ राम अवधपुरिहा..तभे तो फबत हे सियाराम के जोड़ी सबले बढिय़ा

Jaitusaav Math reverberated with the marriage of Siya Ram, Sita from Janakpur and Ram from Avadhpur, Siya Ram's pair is the best, Vivah Panchami, on this day Lord Shri Ram, the most dignified man, was married to Sita, Raipur, Khabargali, the fifth day of the Shukla Paksha of the month of Agahan i.e. Margashirsha, Chhattisgarh

सियाराम के विवाह प्रसंग से गूंजा जैतूसाव मठ

विवाह पंचमी: आज के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का विवाह माता सीता से हुआ था

रायपुर (खबरगली) अगहन यानी मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि शुक्रवार को विवाह पंचमी के रूप में मनाया गया। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का विवाह माता सीता से हुआ था। हर साल इस दिन को भगवान राम और मां सीता की शादी की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है। विवाह पंचमी के उपलक्ष्य में राजधानी रायपुर के प्राचीनत्तम जैतूसाव मठ में विवाह का पूरा प्रसंग रचा गया। हल्दी लगाने से लेकर बारात निकालने तक की रस्म निभायी गई।

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बताया गया कि सुंगधित तेल,चंदन,हल्दी का लेप प्रभु राम व माता जानकी को लगाया गया। तीनों भाईयों व तीन देवियों को भी यह रस्म दोहरायी गई। पश्चात वस्त्र-आभूषणों से श्रृंगार किया गया। अनेको प्रकार के व्यंजनों का प्रसादी लगाया गया। ढोल मजीरा के साथ उपस्थित सदस्यों ने खुशियां मनाते हुए गीत गाये,नाचे और भगवान के जयकारे लगाये। आज पूरा जैतूसाव मठ भगवान के विवाह प्रसंग से गूंज रहा था।

महिआओं ने गीत गाये..

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आज खुशी का दिन है,खुशियां मनायेंगे-गोरे-गोरे हाथों में हल्दी लगायेंगे.। म्हारी प्यारी सी सिया जी बनेगी दुल्हनियां-लेने आए हैं अवधपुर से राम राजा..हम तो बजायेंगे बाजा। छत्तीसगढिय़ा बिहाव गीत में सीता जनकपुरहीन अऊ राम अवधपुरिहा..तभे तो फबत हे सियाराम के जोड़ी सबले बढिय़ा। मौजूदा श्रद्धालुजन ऐेसे पहुंचे थे जैसे किसी विवाह समारोह में शामिल होने जा रहे हैं। जैतूसाव मठ की ओर से इन सब के लिए स्वलपाहार का इंतजाम भी किया गया था ताकि भगवान के विवाह में आए लोग बगैर मुंह मीठा करे न जाएं।

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