
महापौर एजाज ढेबर ने कहा आरोप गलत,वे भी चाहतें हैं जांच हो जाए
रायपुर (khabargali) स्मार्ट सिटी के लिए राजधानी को स्मार्ट बनाने का प्रोजेक्ट के तहत किए जा रहे कार्यों में भाजपा पार्षद दल लगातार भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से मिलकर भी इसकी शिकायत की थी। मालूम हो कि स्मार्ट सिटी के कार्यों की जांच के लिए भारत सरकार ने निजी एजेंसी को जिम्मा सौंपा है। टीम छह से सात दिनों तक शहर में रहेगी और स्मार्ट सिटी के कार्यों का भौतिक सत्यापन करने के साथ ही दस्तावेजों को भी जांचेगी। इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को पेश करेगी। इस पर ही हैदराबाद से 8 सदस्यीय जांच दल टीम रायपुर पहुंची है।
भाजपा पार्षद दल के नेताओं ने टीम के सदस्यों से शनिवार को सांसद सुनील सोनी के निवास पर मुलाकात की। जहां उनसे पूर्व मंत्री राजेश मूणत सहित भाजपा पार्षद दल ने मुलाकात की। भाजपा नेताओं ने जांच दल के अधिकारियों को सिलसिलेवार स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में हुए भर्राशाही और गड़बडिय़ों की जानकारी दी। नेताओं ने सक्त कार्रवाई के लिए मांग पत्र भी सौंपा है। विशेषज्ञों के दल ने इसे बिंदुवार अपनी डायरी में नोट कर जांच की शुरूआत करेगी।
वहीँ भाजपा के आरोपों को का जवाब देते हुए महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि वे भी चाहते है कि स्मार्ट सिटी के कार्यों में यदि भ्रष्टाचार हुआ है तो उसकी जांच हो और दोषियों को सजा भी मिले। कल ही जांच टीम के सदस्य स्मार्ट सिटी लिमिटेड के दफ्तर पहुंचे और दस्तावेजों की पड़ताल की।
शिकायतों की सूची जांच दल के समक्ष रखा
1.यूथ हब की जमीन निगम की नहीं, फिर भी वहां स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट पर कोरोड़ों खर्च कैसे हुआ। इस प्रोजेक्ट की प्लानिंग बदल कर दुकानें बना दी गई। 24 करोड़ की अवैध चौपाटी, 65 गुमटीनुमा दुकानें लगाकर माहौल खराब करने की तैयारी।
2. स्मार्ट सिटी के पैसे से बने जवाहर बाजार में भी एस्केलेटर की जगह दुकानों बना दी गई।
3. स्मार्ट सिटी के लिए 40 करोड़ में से 22 करोड़ खर्च हो गए, स्मार्ट रोड नहीं बनी, शेष 18 करोड़ का मद परिवर्तन कैसे हुआ यह जानकारी नहीं।
4. सप्रे स्कूल मैदान पर अब ढाई करोड़ खर्च किस हिसाब से किया गया।
5. आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों सें 8 करोड़ का फर्नीचर व बिल्डिंग नवीनीकरण पर करोड़ों खर्च हुए।
6. स्मार्ट सिटी के लोगों पर ही 22 लाख खर्च किया गया।
7. बिजली के स्मार्ट पोल और चौक -चौराहों पर मनमाने ढंग से खर्च किए गए । पूरे इलेक्ट्रिफिकेशन के कार्यों में गड़बड़ी।
8. बूढ़ा तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों की गड़बड़ी की गई।35 करोड़ रुपये खर्च किया लेकिन तालाब का रकबा घट गया।
9. त्रिवर्षीय वृक्षारोपण कार्यक्रम पर बी 2 करोड़ खर्च हुए।
10. करोड़ों की लागत से बनाए गए स्मार्ट टायलेट भी प्लॉप हो चुके है।
11. एबीडी एरिया के बाहर के छोटे कार्यों को स्मार्ट सिटी के फंड से करवाया।
12. बिना सर्वे 209.13 करोड़ से आइटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेमेंट सिस्टम) का कार्य।
13. पांच करोड़ 24 लाख का म्यूजिकल फाउंटेन बंद।
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