
भक्तों ने वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक रीति-रिवाज से अंतिम विदाई
नरसिंहपुर (khabargali) ज्योतिर्मठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती स्वरूपानंद सरस्वती का 99 वर्ष की आयु में रविवार को निधन हो गया था। रविवार को उन्होंने झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में दोपहर करीब साढ़े 3 बजे अंतिम सांस ली। उन्हें सोमवार को भजन कीर्तन के साथ पालकी में बैठाकर समाधि स्थल तक लाया गया। जहां सैकड़ों की संख्या में मौजूद साधु-संतों ने वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक रीति-रिवाज के बीच शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को समाधि दी। इस दौरान हजारों की संख्या में मौजूद उनके शिष्य, अनुयायी और श्रद्धालु मौजूद रहे। जिन्होंने नम आंखों से अपने गुरुदेव को अंतिम विदाई दी।
उत्तराधिकारियों के नाम घोषित किए गए
इससे पहले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारियों के नाम सोमवार दोपहर घोषित कर दिए गए। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ और स्वामी सदानंद को द्वारका शारदा पीठ का प्रमुख घोषित किया गया है। उनके नामों की घोषणा शंकराचार्य जी की पार्थिव देह के सामने की गई। ज्योतिष पीठ का प्रभार अभी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज के पास है। जबकि द्वारका पीठ का प्रभार दंडी स्वामी सदानंद सरस्वती को मिला हुआ है।
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