श्री राम के ननिहाल की माटी ले कर 796 किलोमीटर पैदल अयोध्या निकले गौ भक्त फैज खान

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किसी मुस्लिम के हाथ की मिट्टी भूमि पूजन में शामिल नहीं की जानी चाहिए: अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, प्रतिनिधि,शंकराचार्य,वाराणसी

मिट्टी मां है। किसी मुस्लिम के छूने से अशुद्ध नहीं हो जाती : संपत राय,श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव

रायपुर (khabargali) 5 अगस्त को भगवान राम के भक्तों का सालों पुराना सपना जो पूरा होने जा रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर की आधारशिला रखेंगे और भूमि पूजन करेंगे। इस अवसर पर देश के पवित्र नदियों से जल और मिट्टी पहुंच रही है। मंदिर के शिलान्यास का हिस्सा भगवान राम के ननिहाल की माटी भी होगी।राजधानी रायपुर के चंदखुरी में बने माता कौशल्या मंदिर की मिट्टी भगवान राम के मंदिर की नींव में डाली जाएगी। जिसको लेकर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर निवासी गौभक्त मोहम्मद फैज खान छत्तीसगढ़ से अयोध्या के लिए पैदल निकल चुके हैं। आपको बता दें कि मोहम्मद फैज गोभक्त और रामकथा वाचक के रूप में प्रसिद्ध हैं। हालांकि वाराणसी के श्री विद्यामठ में शंकराचार्य के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने फैज के हाथों मिट्टी लेने का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि मुस्लिम के हाथ की मिट्टी राम जन्मभूमि भूमिपूजन में शामिल नहीं की जानी चाहिए। वहींं, श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव संपत राय ने स्पष्ट किया कि मिट्टी मां है। किसी मुस्लिम के छूने से अशुद्ध नहीं हो जाती है। हर व्यक्ति अपनी आस्था से अपना योगदान मंदिर निर्माण में दे रहा है।

हर शुभ कार्य में होता है ननिहाल का योगदान: फैज

यात्रा शुरू करते वक्त गोभक्त फैज ने कहा था कि भगवान राम का ननिहाल दक्षिण कौशल अब भले ही छत्तीसगढ़ के नाम से जाना जाता है, लेकिन यहां के लोगों के रोम-रोम में राम बसे हैं। वह आगे बोले कि सनातन परंपरा रही है कि प्रत्येक शुभ कार्य बिना ननिहाल के योगदान के पूरा नहीं होता, ऐसे में यहां के लोगों की इच्छा है कि प्रभु के ननिहाल की मिट्टी अयोध्या भेंट स्वरूप पहुंचे।

चांदी के डिब्बे में मिट्टी रख लाल कपड़े में लपेट कर निकले फैज

मोहम्मद फैज ने जिस डिब्बी में कौशल्या मंदिर की माटी रखी है वो डिब्बी चांदी की है। डिब्बी को जय श्रीराम लिखे एक लाल कपड़े से लपेटा गया है। बताया जाता है कि फैस ने यह मिट्टी मंत्रोचार कर और मंदिर की परिक्रमा करते हुए एकत्रित की है।

796 किलोमीटर पैदल चलेंगे

उन्होने अपनी ये यात्रा रायपुर के जयस्तंभ चौक से शुरू की है। इस दौरान फैज बिलासपुर, अमरकंटक, शहडोल और प्रयागराज होते हुए लगभग 796 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर अयोध्या पहुंचेंगे।

अविमुक्तेश्वरानंद जी का बयान समाज के अंदर झगड़े पैदा करने की मानसिकता है: संपत राय

भगवान राम के ननिहाल कौशल्या माता के मंदिर की मिट्टी लेकर अयोध्या रवाना हुए गौ भक्त फैज खान को लेकर विवाद हो गया है। वाराणसी के श्री विद्यामठ में शंकराचार्य के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण हिंदुओं के लंबे संघर्ष और एकजुटता के बाद संभव हो पाया है। किसी मुस्लिम के हाथ की मिट्टी भूमि पूजन में शामिल नहीं की जानी चाहिए। सरस्वती ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ट्रस्ट के निर्माण में भेदभाव कर रही है। इसको लेकर रामालय ट्रस्ट अब अदालत का रुख करेगा। वहींं, श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव संपत राय ने स्पष्ट किया कि मिट्टी मां है। किसी मुस्लिम के छूने से अशुद्ध नहीं हो जाती है। हर व्यक्ति अपनी आस्था से अपना योगदान मंदिर निर्माण में दे रहा है। मुस्लिम राम भक्तों की लाई मिट्टी पवित्र है। यह समाज के अंदर झगड़े पैदा करने की मानसिकता को दिखाता है। इससे पहले संपत राय ने स्पष्ट किया कि जिस मिट्टी पर हम चलते हैं, उसी मिट्टी पर मुस्लिम भी चलते हैं, तो क्या वह मिट्टी अपवित्र हो जाएगी या फिर हम अपवित्र मिट्टी पर चल रहे हैं।

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