तुंबा शिल्प: ग्रामीण युवाओं के लिए बन रहा आजीविका का साधन

Tumba shilp, gramodhyog vibhag khabargali

बस्तर अंचल में हस्तशिल्प बोर्ड द्वारा सजावटी वस्तुओं के निर्माण के लिए दिया जा रहा प्रशिक्षण

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रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ के शहरी जनजीवन में तुंबा से बनी कलात्मक वस्तुएं लोगों को आकर्षित कर रही हैं। बच्चों की स्टडी टेबल में टेबल लैम्प को खासी लोकप्रियता मिली है। वहीं सूखे हुए तुंबे पर गर्म लोहे की रॉड से विभिन्न आकृति से बने आकर्षक और सजावटी सामग्री को काफी पसंद किया जा रहा है। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य में विविध प्रकार की प्राचीन शिल्प कलाएं हैं इन शिल्प परंपराओं को हस्तशिल्प बोर्ड द्वारा पुर्नजीवित कर ग्रामीण युवाओं को रोजगार का जरिया दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।

राज्य के हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा युवाओं को बस्तर जिले के नारायणपाल में परम्परागत वस्तुओं से आकर्षक सजावटी वस्तु बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में 20 युवाओं को 3 माह तक गहन प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को 1500 रूपए प्रतिमाह की छात्रवृत्ति भी दी जाती है। साथ ही प्रशिक्षण के दौरान तैयार की गई सजावटी सामग्री के लिए बाजार भी मुहैया कराई जाती है।

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उल्लेखनीय है कि तुंबा शिल्प प्रथम बार प्रायोगिक रूप से लैम्प निर्माण में किया गया था। इस लैम्प की लोगों ने काफी सराहना की और इसकी बिक्री हाथों-हाथ हुई थी। छत्तीसगढ़ में आयोजित होने वाले हस्तशिल्प मेलों में तुंबा शिल्प लोगों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होता है। हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा प्रशिक्षण एवं विपणन सुविधाओं के माध्यम से तुंबा शिल्प का अन्य क्षेत्रों में भी विस्तार किया जा रहा है।