Saint Rajivnayan Ji Maharaj in Shrimad Bhagwat Katha

 पद-प्रतिष्ठा मिलने के बाद व्यक्ति में आ जाता है अभिमान 

जीवन में उत्साह कभी भी खत्म न होने दें 

यह भान कभी नहीं रखना कि जो किया तुमने किया

रायपुर (khabargali) धर्म को आज कुछ लोग धंधा बना रहे हैं। भागवत जैसी पवित्र कथा के भी ठेकेदार पैदा हो गए हैं, जो दावे से कहते हैं कथावाचक हम बुलायेंगे, भीड़ हम जुटायेंगे। ऐसे इवेंटकर्ता यह भी कहने से नहीं चूकते पंडित जी-बाबा जी आपको सिर्फ राधे-राधे करना है, फिर बाद में आधे-आधे..। आजकल ठेकेदारों के द्वारा प्रायोजित कथा कब शुरु होता है कब खत्म हो जाता है पता ही नहीं चलता। सब कुछ होता है केवल क