भाव

रायपुर (khabargali) सन्मति नगर फाफाडीह में जारी चातुर्मासिक प्रवचनमाला में आचार्यश्री विशुद्ध सागर जी महाराज ने कहा कि मित्रों हमेशा विवेक से काम लेना चाहिए। ज्ञानियों अलंकार प्राण तक ले रहे हैं,अलंकार मूल वस्तु नहीं है, अलंकार से प्राण चले जाते हैं। सुनिए ध्यान से एक मां भगवान के दर्शन करने मंदिर जाती है तो बहुमूल्य वस्त्र आभूषण पहने हुए होते हैं। प्रभु के दर्शन करने शरीर पर अलंकार पहन कर गई और जैसे गली में प्रवेश करती है पीछे से एक युवा लग जाता है,युवा ने चेन तो झटकी,साथ में गर्दन भी छिल गई और चेन भी गई। मित्रों ये सत्य घटना है और वर्तमान में ये घटित भी ह