जिन्न पीड़ित

रायपुर (khabargali) किसी भी जीव को चाहे वह इंसान हो या जानवर जीवित रहने का मौलिक अधिकार है,तथा किसी भी धार्मिक परम्परा या अनुष्ठान की आड़ में उसके प्राण लेने का अधिकार किसी को भी नहीं है।लेकिन पशु बलि ऐसी ही एक अंधविश्वास भरी परम्परा है जिसमें किसी भी पशु चाहे वह गाय,भैंस या बकरी हो।इस उम्मीद से बलि दे दी जाती है कि उस पशु को देवता पर अर्पित करने से वह देवता प्रसन्न हो जावेंगे तथा बलि चढ़ाने वाले की सारी इच्छाएं पूरी हो जावेगी।अपनी मृगतृष्णा की पूर्ति के लिए दूसरे जीव का जीवन हरण करने की यह प्रथा भी कितनी विचित्र है।अपने लाभ के लिए किसी दूसरे की जान लेकर उस