अब किताबों को देखकर दे सकेंगे 9वीं की परीक्षा, सीबीएसई ने दी मंजूरी

Now you can appear for 9th class exam by looking at the books, CBSE has given approval  New Delhi hindi News Big News khabargali

नई दिल्ली (khabargali) केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शैक्षणिक सत्र 2026-27 से कक्षा 9वीं के लिए ओपन बुक असेसमेंट (ओबीए) को मंजूरी दे दी है। यह स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफएसई) 2023 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य योग्यता-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना और रटने पर निर्भरता को कम करना है। इसके तहत हर सत्र में तीन पेन-पेपर असेसमेंट होंगे, जिनमें भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे मुख्य विषय शामिल हैं। खास बात ये है कि इसमें सवालों के जवाब विद्यार्थी किताबों में देखकर लिख सकेंगे।

एनसीएफएसई 2023 ने शिक्षा में रटने की आदत से हटकर योग्यता-आधारित शिक्षा की दिशा में बदलाव पर जोर दिया है। इस बदलाव को गति देने के लिए ओपन बुक असेसमेंट को अपनाया गया है। यह निर्णय जून में आयोजित एक गवर्निंग मीटिंग में लिया गया था। ओपन-बुक मूल्यांकन को मंजूरी देने से पहले एक पायलट अध्ययन किया गया था, जिसमें पाठ्यक्रम के क्रॉ-कटिंग विषयों पर विशेष ध्यान दिया गया और अतिरिक्त पठन सामग्री के उपयोग से बचा गया। इस अध्ययन में छात्रों के प्रदर्शन का विश्लेषण किया गया, जिससे पता चला कि छात्रों के स्कोर 12त्न से लेकर 47त्न तक थे।

10वीं : तीन विषय में फेल तो दूसरी परीक्षा में पात्र नहींद्ग सीबीएसई की गवर्निंग बॉडी ने दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए दो परीक्षाओं की मंजूरी दे दी है। फरवरी में होने वाली बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले और दूसरी परीक्षा में शामिल होने की पात्रता पूरी करने वाले छात्र मई में दूसरी परीक्षा में विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और भाषा में से अधिकतम तीन विषयों में शामिल होकर अपने अंकों में सुधार कर सकते हैं। पहली परीक्षा में तीन विषयों में फेल होने वाले विद्यार्थी दूसरी परीक्षा के लिए पात्र नहीं होंगे। इसके लिए उन्हें अगले वर्ष दोबारा परीक्षा देनी होगी।

एनसीएफएसई के मुताबिक, ओपन-बुक एग्जाम ऐसी परीक्षा है, जिसमें छात्रों को सवालों का जवाब देने के लिए कोर्स की या अन्य किताबें, खुद के नोट्स और अन्य संसाधनों का इस्तेमाल करने की इजाजत होती है। इसका उद्देश्य यह है कि विद्यार्थी सिर्फ याद रखी चीजों के आधार पर जवाब न लिखें, बल्कि ज्ञान को समझकर अलग-अलग स्थितियों में इस्तेमाल कर सकें। सरल शब्दों में छात्र रटने की आदत से बचें और असली ज्ञान और स्किल को सीखें ताकि वे सोच-समझकर सवालों के जवाब दे सकें।

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