जीपी सिंह के करीबियों में मचा हड़कंप, रडार में है नजदीकी पुलिस अधिकारी..
रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ शासन ने एडीजी जीपी सिंह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने आईपीएस गुरजिंदर पाल सिंह,अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय रायपुर, वर्तमान पदस्थापना निदेशक राज्य पुलिस अकादमी चंदखुरी रायपुर को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। निलंबन अवधि में जीपी सिंह का मुख्यालय पुलिस मुख्यालय रायपुर रहेगा। उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन गृह (पुलिस) विभाग के उप सचिव मुकुंद गजभिए ने आदेश जारी कर दिया है। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी हुए आदेश में लिखा गया है कि जीपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार की गतिविधियों में संलिप्तता दिखाई दे रही है। यह भी लिखा गया है कि ऐसा काम की एक सरकारी अफसर से उम्मीद नहीं की जा सकती इसलिए ये कार्रवाई की जा रही है। अभी जांच का दायरा काफी व्यापक हैं इसलिए उनकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है लेकिन कब तक कह पाना संभव नहीं हैं।
करीबियों में हड़कंप
एडीजी जीपी सिंह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के बाद से ही सिंह के करीबी रहे आईपीएस अधिकारीयों में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्र बताते हैं कि अधिकारीयों के अलावा परिजन और निकटस्थ करीबी रहे लोग भी एसीबी के रडार पर हैं।
फिलहाल 10 करोड़ संपत्ति का हुआ खुलासा
इससे पहले ACB के प्रमुख रहने के दौरान उनके खिलाफ ब्लैक मेलिंग, अवैध वसूली, मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत पर कार्रवाई की गई थी। 1 जुलाई से 3 जुलाई तक उनके 15 रायपुर, राजनांदगांव, ओडिशा के 15 ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की गई थी। इस कार्रवाई में खुद ACB की मौजूद जांच टीम ने दावा किया है कि दर्जनों प्लॉट, सोना, कैश, गाड़ियां मिलाकर कुल 10 करोड़ की संपत्तियों का खुलासा हुआ है।
कनाडा,पंजाब , नोएडा और ओडिशा में भी प्रॉपर्टी
जब्त संपत्तियों में उजागर हुए राज में नोएडा और पटियाला में संपत्ति मिली है, जिसकी जांच के लिए जल्द टीम जाएगी। साथ ही कनाडा में भी निवेश की आशंका जताई जा रही है। ACB लगातार जीपी सिंह के खिलाफ अपनी जांच जारी रखे हुए है। अब जीपी सिंह की पत्नी के नाम 6 फ्लैट होने की जानकारी मिली है। ये फ्लैट पंजाब के पटियाला के पॉश इलाकों में हैं। इनकी भी कीमत कारोड़ों में बताई जा रही है। दूसरी तरफ पहले ही ACB की टीम को ओडिशा के बड़बील में जीपी सिंह के कुछ खदानों में इंवेस्टमेंट के सबूत मिल चुके हैं। ये इंवेस्टमेंट जीपी सिंह के कुछ करीबी कारोबारियों के जरिए हुए थे। लगभग 20 से अधिक लोगों से इस छापे के दौरान और बाद में भी पूछताछ जारी है।
खंगाले जा रहे हैं दस्तावेज
सूत्रों के मुताबिक जब गुरजिंदर पाल सिंह (GP Singh) एसीबी प्रमुख थे तब उन्होंने कई लोगों को ब्लैकमेल किया और अवैध वसूली भी की। इस ब्लैक मेलिंग से प्राप्त बेशुमार संपत्ति के चलते जीपी सिंह करोड़ों के मालिक बन गए। इन्हीं सब भ्रष्टाचार की गतिविधियों में संलिप्तता को देखते हुए एसीबी और ईओडब्ल्यू ने 1 जुलाई को उनके ठिकानों पर दबिश दी। जिसमें दर्जनों प्लॉट, नकद राशि, सोना, जेसीबी मशीन सहित कई अन्य गाड़ियां जब्त की गई। इसके साथ ही 3 संवेदनशील डायरी भी मिली, हालांकि डायरी के कुछ पन्ने गायब हैं, लेकिन जो पेज है उसमे कई प्रशासनिक अधिकारी, मंत्री और कुछ नेताओं के नाम कोड वर्ड के जरिए कुछ संदिग्ध तथ्य लिखे हुए मिले। जिस पर भी जांच जारी है। जीपी सिंह के ठिकानों से मिले दस्तावेजों को भी खंगाला जा रहा है। इसके अलावा जीपी सिंह के लॉकरों को भी खंगाला जा रहा है जिससे और अधिक संपत्ति मिलने की संभावना जताई जा रही है। जीपी सिंह के स्थित सरकारी आवास से सीसीटीवी का डीवीआर गायब है जो अभी तक पुलिस को हाथ नहीं लगी है। माना जा रहा है कि यदि डीवीआर मिल जाता है तो सिंह के खिलाफ बड़ा आपराधिक सबूत मिल सकता है।
छापे के बाद से सरकारी आवास से निकले नहीं जीपी सिंह
इधर सूत्र बताते हैं कि गुरजिंदर पाल सिंह (GP Singh) एसीबी छापा के बाद अब तक सरकारी आवास से निकले भी नहीं है। घर से ही अपने वकील से खुद को बचाने फोन पर लगातार चर्चा भी कर रहे हैं। वहीं जीपी सिंह पर अभी भी पुलिस और एसीबी की टीम नजर बनाये हुए है। उनके घर आने जाने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। खास तौर पर घर से निकलने वाले कचरे पर टीम की पैनी नजर है, ताकि कचरे के बहाने कोई सबूत पार न हो।
बर्खास्तगी के करीब सिंह
जांच प्रभावित न हो यही कारण से सरकार इस तरह के निलंबन का आदेश देती है। यदि जांच में सिंह (GP Singh) दोषी पाए गए तो उनकी बर्खास्तगी भी तय है। जाँच में यदि कुछ गंभीर मामले सिंह के खिलाफ उजगार होते हैं तो पुलिस कार्रवाई के अतिरिक्त विभागीय जांच भी किये जायेंगे। वहीँ विभिन्न कंपनियों में निवेश और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच कर सकती है इस दौरान जीपी सिंह की गिरफ्तारी भी सम्भव है। अब तक छत्तीसगढ़ में जीपी सिंह के अलावा मयंक श्रीवास्तव, रजनेश सिंह और मुकेश गुप्ता को सरकार ने निलंबित किया। इस तरह ये प्रदेश में आईपीएस के निलंबन का चौथा मामला है।
ये है निलंबन का आदेश
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