
सकारात्मकता की दिशा में ले जाने कलाकारों ने पेंटिंग में उकेरे रंग
रायपुर (खबरगली) कला वीथिका में प्रदेश के साथ देश के अलग-अलग हिस्सों से आए कलाकारों ने भाग लिया। तीन दिवसीय चली इस पेंटिंग प्रदर्शनी ने रायपुरवासियों का मन मोह लिया। लगातार तीनों दिन कलाप्रेमियों की उपस्थिति यहां देखने को मिली और उन्होंने इन पेंटिंग्स को काफी सराहा। पेंटिंग ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध # डॉ. तरुणा माथुर ने नीलगिरी के पेड़ों की पेंटिंग्स बनाई है। यह केवल पेड़ों की पेंटिंग नहीं बल्कि इस पेंटिंग में एक संदेश है। यह पेड़ अपनी ऊंचाइयों से आसमान को छूना चाहता है और वहीं इसकी पत्तियां जमीन पर बिखरना चाहती है।
डॉ. तरुणा माथुर बताती है कि जब इन पेड़ के पास आप जाएंगे तो आपको एक सातवीं के एहसास होगा क्योंकि यह पेड़ सफेद कलर के होते हैं। मैं यहां पेड़ ऑस्ट्रेलिया में देखा था और अन्य जगहों पर भी इस में देख चुकी हूं। नीलगिरी के पेड़ के पास जाने पर एक बहुत ही सुखद अनुभव होता है और यह अनुभव प्राप्त करने आपको एक बार इसे जाकर जरूर देखना चाहिए। सोनम शर्मा की पेंटिंग्स में बिखरने से लेकर संवरने का संदेश झलकता है।
सोनम शर्मा बताती है कि वह मेडिटेशन के रूप में अपने पेंटिंग्स को आकर देती है। उनकी पेंटिंग में एक बिखरी हुई कला दिखाई देती है जो अंततः उन्हें पूर्णता की ओर ले जाती है। मानसिक शांति और एकाग्रता के साथ वह अपने पेंटिंग में रंग भरती है। उनका कहना है कि जब वहां पेंटिंग बनाती है तो वह उसे मेडिटेशन के रूप में देखती है जब भी वह पेंटिंग बनाना शुरू करती हैं तो उनके मन में उलझने रहती है लेकिन जब पेंटिंग पूर्णता की ओर होती है तो सारी उलझने खत्म हो चुकी होती है और एक नई तस्वीर उभर कर सामने आती है।
मोहन लाल बराल की पेंटिंग, प्रदर्शनी में माडर्न आर्ट की कैटेगरी में रही। उनकी पेंटिंग में देखने पर केवल कुछ रंग दिखते हैं लेकिन जंगलों को आप गहराई से देखेंगे तो उसमें विभिन्न रंग और विभिन्न दुनिया आपको अपने परिकल्पना के अनुसार दिखने को मिलेगी। किसी अन्य पेंटिंग की तुलना में जब इस पेंटिंग को आप दूसरी बार दिखेंगे तो वह आपको भिन्न नजर आएगी। आप मॉडर्न आर्ट को जितनी गहराई से दिखेंगे उतना ही आप उसमें डूब जाएंगे और हर बार उसमें आपको अलग अलग चित्र नजर आएगी।
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