मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की नई पहल, आदिवासी जिलों में बाट रही दुधारू गाय, देखभाल भी सरकार के जिम्मे

New initiative of Chief Minister Vishnudev Sai, distributing milch cows in tribal districts, care is also the responsibility of the government cg hindi news latest news big News khabargali

रायपुर (Khabargali) राज्य सरकार ने अब आदिवासी जिलों में गाय बांटने की शुरुआत कर दी है। इसके तहत अनुसूचित जनजाति की महिला किसानों को 2-2 दुधारु गाय दिए जाएंगे। फिलहाल यह योजना पायलेट प्रोजेक्ट में रूप में 6 जिलों से शुरुआत की जा रही है। इसके बाद आने वाले समय में इसका जिलों में विस्तार किया जाएगा। यह सारी कवायद राज्य में डेयरी उद्यमिता को प्रोत्साहन देने, दुग्ध संकलन और प्रसंस्करण में वृद्धि करने के लिए की जा रही है। 

ऐसे मिलेंगे दुधारू पशु

- हितग्राही को डेयरी सहकारी समिति की सदस्य होनी चाहिए या दूध समिति में शामिल होने और नियमित रूप से दूध प्रदान करने के लिए सहमत होगी।

- पशु आवास सुविधा (कच्चा या पक्का) लाभार्थी के घर में उपलब्ध होनी चाहिए।

- किसी भी बैंक या स्थानीय सोसायटी में 90 दिनों से अधिक ऋण बकाया नहीं होनी चाहिए।

- पशुपालन का बुनियादी ज्ञान होना चाहिए या पशु प्रेरण से पहले प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए सहमत होना होगा।

- केवल अनुसूचित जनजाति महिला ही योजना की पात्र होंगी।

- दुग्ध महासंघ की डेयरी सहकारी समितियों के बाहर दूध नहीं देंगे।

जिले अनुसार परिवार

जशपुर-50

बलरामपुर- 50

कांकेर- 75

कोंडागांव-50

महासमुंद- 50

बिलाईगढ़-सारंगढ़- 50

राज्य सरकार सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। 750 नवीन दुग्ध, मत्स्य तथा वनोपज समितियों का गठन किया जा चुका है। एक लाख किसानों का कोआपरेटिव बैंकों में नवीन खाता खोला गया है। दुधारू पशुओं को देने से किसान आर्थिक रूप से भी सक्षम होंगे।

केदार कश्यप, सहकारिता मंत्री

दुधारू पशु के अलावा राज्य शासन से शत प्रतिशत अनुदान पर आदिवासी किसानों को नि:शुल्क एक वर्ष तक ’’हैंडहोल्डिंग’’ सेवाएं भी मिलेगी। इसमें एक वर्ष के लिए बीमा, पशु निगरानी उपकरण, पशु आहार (पशु चारे, खनिज मिश्रण, साइलेज/ चारा ) एवं प्रशिक्षण शामिल रहेगा। यह योजना दुग्ध महासंघ द्वारा क्रियान्वित की जाएगी, जिसके लिए राज्य सरकार ने 7.62 करोड़ रुपए का अनुदान दिया है।

सरकार देगी अनुदान

योजना के तहत कुल 325 आदिवासी परिवारों को 650 दुधारू पशु दिए जाएंगे। चयनित परिवार अपनी पसंद से गाय या बकरी खरीद सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार पशु मूल्य का 50 प्रतिशत अनुदान देगी। जबकि लाभार्थी को केवल 10 प्रतिशत योगदान देगा। शेष 40 प्रतिशत बैंक ऋण के रूप में अंशदान होगा, जिसकी किस्त दूध के बिल से समायोजित की जाएगी।

दूध उत्पादन बढ़ाने एमओयू भी किया

राज्य सरकार दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ मर्यादित, उरला और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, गुजरात के साथ 16 दिसम्बर 2024 को एमओयू भी किया गया है। इसके बाद दुधारू पशु देने की योजना बनाई गई है।

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