शौर्य, क्षमा और त्याग के त्रिवेणी है श्री गुरु तेग बहादुर जी : राममदत्त चक्रधर

Shri Guru Tegh Bahadur Ji is the confluence of bravery, forgiveness and sacrifice – Rammadatta Chakradhar, All Society Seminar organized on the 350th Martyrdom Centenary at Khalsa School Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

खालसा स्कूल रायपुर में 350वीं शहीदी शताब्दी पर आयोजित हुई सर्व समाज संगोष्ठी

रायपुर (खबरगली) श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी शताब्दी वर्ष के अवसर पर रायपुर स्थित खालसा स्कूल के माता सुंदरी हॉल में सर्व समाज संगोष्ठी छत्तीसगढ़ की ओर से संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहकार्यवाह श्री राममदत्त चक्रधर ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि - “शौर्य और क्षमा के अद्भुत संयोजन से ही श्री गुरु तेग बहादुर जैसे महान व्यक्तित्व का निर्माण होता है।” उन्होंने गुरु तेग बहादुर जी के जीवन, तपस्या, धर्म रक्षा और मानवता के लिए दिए गए सर्वोच्च बलिदान को विस्तार से रेखांकित करते हुए बताया कि वे केवल सिख समाज ही नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

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मुख्य वक्ता श्री रामदत्त चक्रधर ने आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी एवं अर्थशास्त्री बालकृष्ण के संवाद से अपने उद्बोधन की प्रभावशाली शुरुआत करते हुए सिक्ख धर्म की गुरु परम्परा पर जानकारी देते हुए गुरु अर्जन देव, गुरु हरगोबिंद साहिब, गुरु अमरदास, गुरु रामदास, गुरु हर राय एवं अन्य गुरुओं की तपस्वी जीवन परंपरा, साहस एवं समाज सुधार के कार्यों को उदाहरण सहित प्रस्तुत किया।

उन्होंने कहा कि — “जीवन के भीतर परिवर्तन लाना आसान नहीं होता, लेकिन गुरु परंपरा ने समाज को युगों से सही मार्ग दिखाने का कार्य किया है।” विशिष्ट अतिथियों ने गुरु तेग बहादुर जी के जीवन प्रसंगों दिल्ली के चांदनी चौक में गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के साथ गुरु जी के शिष्य भाई मति दास भाई सती दास भाई दयाला जी के इतिहास को साझा किया।

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कार्यक्रम में अतिथि वक्ता के रूप में ज्ञानी हरमिंदर सिंह अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबड़ा, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर से छत्तीसगढ़ में कार्य देख रहे अजीत सिंह खालसा एजुकेशन सोसायटी के राजवंत सिंह गरेवाल मंच पर उपस्थित रहे। उन्होंने भी गुरु तेग बहादुर जी के जीवन की महान घटनाओं, त्याग एवं शहादत से जुड़े मार्मिक प्रसंगों को साझा कर उपस्थित समाज जन को भावविभोर किया।

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इस अवसर पर प्रमुख रूप से आरएसएस के क्षेत्रीय संघचालक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना, प्रांत संघचालक टोप लाल,साहित्य परिषद के शशांक शर्मा बाल अधिकार संरक्षण अध्यक्ष वर्णिका शर्मा, लोकेश कावड़िया, प्रफुल विश्वकर्मा, जी एस भामरा, मधुकर काले सहित सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में सर्व समाज के प्रबुद्धजन उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में वक्ताओं ने गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान, धर्म रक्षा और मानवता के प्रति अद्वितीय योगदान को जीवन में आत्मसात करने का आह्वान किया। उपस्थित जनसमूह ने उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया।

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