देश भर में 2019 से 2021 के बीच 251430 नाबालिग लड़कियां हुईं गायब
रायपुर (khabargali) मोबाइल की लत और सोशल मीडिया में होने वाली दोस्ती इतनी घातक हो चुकी है कि बच्चे अच्छे- बुरे में फर्क नहीं समझ पा रहे हैं। 13 से 17 उम्र के बच्चे यहां तक घर छोड़ने तक का निर्णय ले रहे हैं। प्रदेश के आंकड़े तो उपलब्ध नहीँ हुए हैं लेकिन बस्तर के ग्रामीण और शहरी इलाकों से डरावनी तश्वीर यह है कि पुलिस के अनुसार यहाँ पिछले छह महीने में 72 बच्चियां गायब हुईं जिनमें से 55 तो नाबालिग थीं। नाबालिग लड़कियों और लड़कों के गायब होने की सिलसिला लगातार जारी है।
पारिवारिक कलह भी वजह
एक रिपोर्ट के मुताबिक 13 से 17 वर्ष की आयु के किशोरों में सोशल मीडिया पर दोस्त बनाने की प्रवृत्ति बढ़ी है। कम उम्र में अनजान आकर्षण के जाल में फंसकर ये किशोर उन दोस्तों से बात कर ज़्यादा जुड़ाव महसूस करते हैं। खास कर जिनके परिवार में कलह का माहौल है वहाँ के अधिकांश बच्चों का मानना होता है कि ऐसे लोग उनका मुश्किल समय में उनका साथ देंगे।
251430 नाबालिग लड़कियां गायब
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार देशभर में 2022 में 47,000 से अधिक बच्चे लापता हुए हैं। जिनमें 71.4 प्रतिशत किशोरियां हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इसी साल जुलाई में संसद में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश भर में 2019 से 2021 के बीच 18 साल से ऊपर की 10,61,648 महिलाएं और उससे कम उम्र की 2,51,430 लड़कियां भी लापता हैं।
85 फीसदी किशोर सोशल मीडिया के आदी
वर्तमान समय में 90 प्रतिशत किशोर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें 85 प्रतिशत के पास कम से कम एक सक्रिय सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल हैं। 60 फीसदी किशोर ऐसे है जिसने कम से कम रोज़ाना किसी सोशल मीडिया एक्टिव रहते हैं। औसतन, किशोर दिन में लगभग नौ घंटे ऑनलाइन रहते हैं, जिसमें होमवर्क का समय शामिल नहीं है।
- Log in to post comments