विधानसभा में घोषणा के बाद रजिस्ट्री पर अघोषित रोक, खरीदी-बिक्री करने वाले हो रहे परेशान

After the announcement in the assembly, there is an undeclared ban on the registry, buyers and sellers are facing problems cg vidhansabha Raipur news hindi news khabargali

रायपुर (khabaragali) विधानसभा में घोषणा के बाद प्रदेश में 5 डिसमिल से छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री पर रोक लग गई है। अब तक गजट नोटिफिकेशन और विभागीय आदेश जारी नहीं हुआ है। फिर भी रजिस्ट्री नहीं की जा रही है। विधानसभा में घोषणा के बाद से ही रजिस्ट्री कार्यालयों में छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री अघोषित रूप से रोक दी गई है। इससे लोग परेशान हो रहे हैं। 

जिला पंजीयक कार्यालयों की मनमानी के चलते 2000 वर्गफीट या इससे कम साइज के जमीन खरीदार-विक्रेता दोनों परेशान हो रहे हैं। सोमवार को सुबह से लेकर शाम तक कई विक्रेता और खरीदार इस समस्या से जूझते रहे। दूसरी ओर मुख्यालय स्तर के अधिकारियों का दावा है कि नोटिफिकेशन और विभागीय आदेश जारी होने से पहले तक छोटे प्लाटों की भी रजिस्ट्री की जाएगी।

फैसले का सबसे ज्यादा असर मध्यम वर्ग पर

इस फैसले का सबसे ज्यादा असर मध्यम वर्ग पर पड़ेगा। 5 डिसमिल से छोटे प्लाट अर्थात 2178 वर्गफीट से छोटे साइज के प्लाटों की अब रजिस्ट्री नहीं होगी। इसकी खरीदी-बिक्री भी नहीं होगी। निम्न और मध्यम आय वर्ग के अधिकांश लोग 500 वर्गफीट, 1000 वर्गफीट, 1500 वर्गफीट और 2000 हजार वर्गफीट के प्लाट ही खरीद पाते हैं। अब अगर इस साइज के प्लाटों की रजिस्ट्री बंद हो जाएगी, तो ये लोग प्लाट ही नहीं खरीद पाएंगे। पिछले एक साल से छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री हो रही है। रोज करीब 300 रजिस्ट्री होती है। इनमें ज्यादातर प्लाट छोटे साइज के होते हैं।

नोटिफिकेशन होने तक होगी रजिस्ट्री

आईजी रजिस्ट्रार पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि विधानसभा में विधेयक पारित हुआ है। अभी इसका नोटिफिकेशन जारी होगा। इसके बाद विभागीय आदेश जारी किए जाएंगे। तब तक छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री जारी रहेगी। फिलहाल आदेश जारी नहीं हुआ है। सभी पंजीयक कार्यालयों में रजिस्ट्री जारी रहेगी

विधानसभा में भू राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक-2025 पारित किया गया है। इसके तहत 5 डिसमिल से कम आकार के प्लाटों की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई। इसके बाद रजिस्ट्री कार्यालयों में पंजीयकों ने छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री करना बंद कर दिया। इससे परेशान कई लोग अपने वकीलों के साथ जिला पंजीयक के पास शिकायत लेकर पहुंचने लगे। इसी तरह दूसरे पंजीयक कार्यालयों में भी कई लोगों की शिकायतें सामने आती रही।

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