विधानसभा में संविदा कर्मियों के आंदोलन और कबीर पंथ के धर्म गुरु प्रकाश मुनि के नाम से फर्जी सोशल मीडिया आईडी बनाने का मामला गुंजा

Agitation of contract workers in Vidhansabha and creation of fake social media ID in the name of Kabir Panth's religious guru Prakash Muni echoes, Chhattisgarh,khabargali

चंद्राकर के आईलवयू पर छूटी हंसी

रायपर (khabargali) विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन शून्यकाल में साढे 4 लाख अनियमित और संविदा कर्मियों के आंदोलन के मुद्दे पर जमकर हंगामा हो गया। भाजपा विधायकों ने जमकर नारेबाजी की है। साथ ही स्थगन प्रस्ताव लाने की सूचना दी । सदन में चर्चा नहीं होने से बीजेपी के सदस्य नाराज हो गए और सदन में जमकर की नारेबाजी । हंगामे की वजह से कार्यवाही हुई 5 मिनट के लिए स्थगित हो गई। इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने भूपेश है तो भरोसा है के नारे लगाये।

वहीं कबीर पंथ के धर्म गुरु प्रकाश मुनि के नाम से फर्जी सोशल मीडिया आईडी बनाने का मामला सदन में गूंजा। शिवरतन शर्मा ने कहा- पंथ श्री प्रकाश मुनि के नाम से फर्जी सोशल मीडिया आईडी बनाई गई। उनकी पत्नी गुरुमाता की फ़ोटो डीपी में लगाई गई है। उनकी आईडी से अश्लील फ़ोटो पोस्ट की जा रही है। कबीर पंथ के लोग नाराज़ हैं। आहत हैं। लगातार कबीर पंथियों को अपमानित किया जा रहा है। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि- राज्य के अलग अलग थानों में इसे लेकर एफ़आइआर दर्ज की गई है।लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। कबीर पंथ के लोग उद्वेलित हैं।

अजय चंद्राकर ने कहा- प्रकाश मुनि के साथ ये पहली बार नहीं हुआ है। उनके घर पर भी क़ब्जा करने की कोशिश की गई। क्या हम लोगों को भी नंगा दौड़ना पड़ेगा तब सरकार जागेगी। तब चीफ़ सेक्रेटरी बैठक लेंगे। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा- यह बेहद गंभीर मामला है। यह मामला ला एंड ऑर्डर बिगाड़ने वाला है।

गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा- कबीर पंथ से जुड़े लोगों ने साइबर थाने में अपराध दर्ज हुआ है। इसकी जाँच चल रही है। विपक्ष के लोग जिस तरह से सदन में अश्लील फ़ोटो दिखा रहे हैं ये हमारे धर्मगुरु और पंथ का अपमान है।

जब सदन में ठहाके गूंजे

विपक्ष की ओर से मोर्चा संभाल रहे अजय चंद्राकर ने मुख्यमंत्री को कहा आई लव यू तो आसंदी समेत पूरा सदन हंसी के ठहाके से गूंज उठा। दरअसल पीडब्ल्यूडी विभाग व सड़क की गुणवत्ता को लेकर विधायक शिवरतन सवाल कर रहे थे। इसमें संतोषप्रद शब्द का उल्लेख था तब चंद्राकर ने प्रतिप्रश्न किया कि यह संतोषप्रद क्या होता है? इसी बीच सदन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचे तो चंद्राकर ने उन्हे नमस्ते किया तो वे मुस्कुराकर अपनी सीट पर बैठ गए। फिर जब सदन में चंद्राकर के बोलने की बारी तो वे ऊंची आवाज में बात करने लगे जिससे अध्यक्ष महंत ने चुटकी लेते हुए कहा कि क्या बात है जब तक सीएम नहीं आए थे आप संतोषप्रद ढंग से सवाल कर रहे और उनके आते ही तेज हो गए।

चंद्राकर ने कहा नहीं ऐसा नहीं हैं हमने लखमा के लिए आईलवयू कहा था अब मुख्यमंत्री जी के लिए भी आईलवयू कहते हैं तो पूरा सदन हंसी के ठहाकों से गूंज उठा। तब मुख्यमंत्री भी भला कहां चूकने वाले थे उन्होने कहा कि मतलब मैं चंद्राकर जी के लिए उत्प्रेरक का काम करता हूं। फिर हंसी छूट गई।

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