विधानसभा: सरकारी संरक्षण में अवैध शराब की बिक्री का विपक्ष का आरोप, वाकऑउट

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शराब दूकानों की जांच के लिए विधानसभा की कमेटी बनाने  की मांग

रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ प्रदेश में अवैध शराब की खपत को लेकर गुरूवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। विधानसभा के विपक्षी सदस्यों ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि सरकारी संरक्षण में अवैध शराब की बिक्री हो रही है। उन्होंने शराब दूकानों की जांच के लिए विधानसभा की कमेटी बनाने  की मांग की। आबकारी मंत्री कवासी लखमा के इंकार के बाद भाजपा सदस्यों ने वाकऑउट कर दिया।

प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य सौरभ सिंह ने मामला उठाया। उनके सवाल के जवाब में आबकारी मंत्री ने जांजगीर-चांपा जिले में शराब बिक्री का ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि देशी मदिरा 3 लाख 12 हजार, विदेशी 47 हजार 414 और विदेशी मदिरा 38301 की बिक्री एक जनवरी 31 मार्च तक हुई। इसी तरह एक अप्रैल 2019 से 30 जनवरी 2020 तक 813133 देशी मदिरा, 145305 विदेशी और विदेशी मदिरा माल्ट 113697 की बिक्री हुई है। एक सवाल के जवाब में यह भी बताया कि पिछले साल के मुकाबले में शराब बिक्री में कमी आई है। भाजपा सदस्य सौरभ सिंह ने कहा कि शराब दूकानों में बिना परमिट की शराब की बिक्री हो रही है। उन्होंने इसकी जांच की मांग की।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि आबकारी टीम बनाकर जांच करा ली जाए। मंत्री के आश्वासन के बाद भी भाजपा सदस्य संतुष्ट नहीं हुए। भाजपा सदस्य नारायण चंदेल और अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि सरकारी संरक्षण में अवैध शराब की बिक्री हो रही है। उन्होंने इस पूरे मामले की सदन की कमेटी बनाकर जांच की मांग की। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी सभी जिलों में कमेटी के गठन का सुझाव दिया। जिसमें विपक्ष के भी सदस्य रहें और शराब दूकानों की पड़ताल की जाए। आबकारी मंत्री के इंकार के बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन से वाकऑउट कर दिया।

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