मोदी सरकार के 60 माह सिर्फ जुमले बाजी के वहीं भूपेश सरकार के 60 दिन बड़ी उपलब्धियों के - शैलेश नितिन त्रिवेदी

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रायपुर (ख़बरगली) । छत्तीसगढ़ कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भूपेश बघेल सरकार के 60 दिन जनहित में कामकाज और फ़ैसलों के हैं जबकि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के 60 महीने सिर्फ़ बातचीत और जुमलेबाज़ी के हैं. उन्होंने कहा है कि यही कांग्रेस और भाजपा सरकारों में मूलभूत अंतर भी है। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी सरकार किसानों को लेकर तरह तरह की जुमलेबाज़ी करते रहे. कभी उन्होंने स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट लागू करने का झूठा आश्वासन दिया तो कभी किसानों को लागत मूल्य का डेढ़ गुना दाम देने का वायदा किया. अब साठ महीने हो गए लेकिन मिला तो सिर्फ़ तीन महीनों में दो हज़ार रुपया. जबकि दूसरी ओर भूपेश बघेल सरकार ने किसानों का कर्जा माफ़ किया, किसानों को देश में पहली बार धान का मूल्य २५०० रुपए क्विंटल मिला, सिंचाई का कर्ज़ माफ़ हो गया और बिजली बिल भी आधा हो गया. श्री त्रिवेदी ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने 6० महीने पहले सत्ता में आने के लिए जो कुछ भी वादे किए उन्हें पूरा करना छोड़कर वे अपने मन की बात करते रहे और जनता के मन की बात सुनी नहीं. जब सवाल हुए तो भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वे चुनावी जुमले थे और पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कह दिया कि वे गले की हड्डी है. जबकि भूपेश बघेल जी ने सत्ता संभालते ही दो घंटों के अंदर कर्ज़ माफ़ी के साथ जो फ़ैसला लेना शुरु किया तो 6० दिनों के भीतर किसानों, आदिवासियों, मज़दूरों और बेरोज़गारों के पक्ष में ऐसे फ़ैसले ले लिए हैं जिससे प्रदेश की जनता को पहली बार लग रहा है कि उनकी अपनी सरकार आ गई है. अगर चुनाव आचार संहिता नहीं लागू होती तो कई और फ़ैसले सामने आ जाते. इन 6० दिनों में किसानों की कर्जमाफी, 2500/- धान का मूल्य, 4000/- तेंदूपत्ता प्रति मानक बोरा, 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ, कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि, पुलिस और डिफेंस सर्विसेज़ से जुड़े वेलफेयर संबंधी प्रावधान, छोटे भूखंडो की रजिस्ट्री जैसे अनेकों एतिहासिक निर्णय प्रदेश की जनता के हित में लिए गए हैं. शैलेश नितिन त्रिवेदी ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तो बार बार प्रेस से मुखातिब हो रहे हैं और हर सवाल का जवाब दे रहे हैं. अपने साठ दिन की उपलब्धियों के बारे में भी और भविष्य की योजनाओं के बारे में भी. उन्होंने कहा है कि लेकिन दूसरी ओर नरेंद्र मोदी हैं जो 60 महीनों में एक बार भी प्रेस के सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा पाए. और अपने कामकाज का लेखा जोखा तो दूर वे सामान्य विषयों पर किसी सवाल का जवाब देने भी सामने नहीं आ पाए. मोदी सरकार के 60 महीनों पर उन्होंने कहा है कि ये पांच साल झूठ, फ़रेब, जनता से धोखे और भाजपा के चाल, चरित्र और चेहरे की नकाब उतारने वाले रहे हैं. जनता इसे अच्छी तरह समझ चुकी है और अभी होने वाले लोकसभा चुनाव में इसका ठीक तरह से जवाब भाजपा को मिलेगा.