रमन बाेले-ईडी पर भरोसा नहीं ताे पत्र क्यों लिखा ?
रायपुर (khabargali) प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंततः नान घोटाले की जांच के लिए ईडी काे पत्र लिखकर जांच की मांग की है। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने पलटवार करते हुए कहा, जब ईडी पर भरोसा नहीं है काे पत्र लिखने का मतलब क्या है। जब भी राज्य में ईडी की कार्रवाई हाेती है, तब मुख्यमंत्री नान घाेटाले का उल्लेख करते हुए कहते हैं, कि इस मामले की जांच ईडी क्याें नहीं करती है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आखिर कब तक मुद्दों से पलट कर गुलाटी मारते रहोगे। जब भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई हो तब तो ईडी की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाते हैं। आज उसी ईडी को पत्र लिखकर नान-चिटफंड की जांच का आग्रह कर रहे हैं। कभी तो अपनी कथनी-करनी स्पष्ट रखिए। सत्य से इतना भय क्यों है?
चिटफंड में अगर 6 हजार करोड़ की लूट हुई तो आपने वापिस दिलवाने का वादा किया था अब तक क्यों नही दिलवाए:अमित चिमनानी
वहीँ भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा, यह संतोष की बात है कि कुछ दिन पहले तक जो कांग्रेस ईडी को भला बुरा कहती थी आज उनसे जांच की अपील कर रही हैं राष्ट्रीय एजेंसियों में सभी का विश्वास होना अच्छी बात है। अमित चिमनानी ने नान घोटाले मामले में कहा कि 12 अप्रैल 2017 को छत्तीसगढ़ के दो प्रमुख कांग्रेस नेताओं ने माननीय प्रधानमंत्री जी को चिट्ठी लिखी थी एवं उस चिट्ठी में कांग्रेस नेताओं ने उन अधिकारियों पर बड़ी कार्यवाही की मांग की थी लेकिन आज वही अधिकारी सरकार में प्रमुख पदों पर हैं तो कांग्रेस के लिए 2017 में नान घोटाले के आरोपी अलग थे 2022 में अलग है? जहां तक बात जांच की रही तो वह ईडी कर रही हैं ईडी ने तो यह कहा है कि भ्रष्टाचारियों को बचाने का प्रयास हो रहा है बड़े-बड़े वकील सुप्रीम कोर्ट में लगाए जा रहे हैं अगर नान घोटाले की निष्पक्ष जांच को समय से पूरा होने देंगे,बार-बार उसमें बाधा नहीं बनेंगे, तो निश्चित तौर पर दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सकेगी ।सरकार को भ्रष्टाचारियों को बचाने की जगह जांच में सहयोगी बनना चाहिए।
चिटफंड मामले में अमित चिमनानी ने कहा कि कांग्रेस के दावे के हिसाब से अगर यह 6000 करोड़ों का घोटाला है तो कांग्रेस सरकार ने चुनाव पूर्व यह वादा किया था कि वह चिटफंड मामलों में पूरी राशि वापस करवाएगी, 4 सालों में सरकार 40 से 50 करोड़ भी वापस नहीं करवा पाई तो बाकी के पैसे वापस क्यों नहीं करवाए?
अमित ने कांग्रेस से सवाल किया कि
1.कांग्रेस को सरकार में आए 4 साल हो गए हैं अब तक चिटफंड मामलों की जांच वह स्वयं पूरी क्यों नहीं कर पाई?
2.जितनी जांच की है उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं की?
3.केंद्रीय एजेंसियों को जब भी कोई जांच की मांग को लेकर पत्र लिखता है तो उसे तथ्य भी देने होते हैं कांग्रेस ने ऐसा कोई बैंक स्टेटमेंट या पत्र या कोई ट्रांजैक्शन डिटेल या अन्य कोई ऐसा प्रमाण क्यों नहीं दिया जिससे यह लगे कि अवैध रूप से पैसों का गबन भाजपा या भाजपा के किसी नेता ने किया है और 6 हजार करोड़ की राशि की गणना वो कैसे कर रहे है?
कुछ पेपरों में छपे फोटोग्राफ्स पत्र के साथ लगा कर जांच की मांग करना हास्यप्रद है। असल में कांग्रेस उनके राज में हो रहे भ्रष्टाचार के भंडाफोड़ से घबरा गई है। ईडी को पत्र लिखने के साथ विपक्ष के सवालों का जवाब देना राज्य सरकार का कर्तव्य है।
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