‘‘कैंसर अवेयरनेस डे पर’’ विदेशी छात्रों ने कैंसर के बारे मेें जाना

Cancer Awareness Day, Sanjeevani Cancer Care Foundation, Dr. Yusuf Memon, Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

संजीवनी कैंसर केयर फाउन्डेशन का आयोजन

रायपुर (khabargali) प्रतिवर्ष 7 नवंबर विश्व कैंसर जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन संजीवनी कैंसर केयर फाउन्डेशन द्वारा विदेश से सोशियल वर्क करने आये छात्रों के लिए अवेयरनेस सेमिनार का आयेाजन किया गया। इस सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में मुख्य रूप से जिम्बाब्बे, केन्या, तंजानिया, युगांडा, रवांडा, बांग्लादेश व यमन देश के छात्र उपस्थित हुवे।

इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुये संजीवनी कैंसर हॉस्पिटल के डायरेक्टर ड़ॉ युसूफ मेमन ने बताया कि, जीन या डी. एन. ए. में किसी भी कारण से क्षति हो जाने पर शरीर की सामान्य कोशिकाएँ कैंसर कोशिकाओं में परिवर्तन हो जाती है। तंबाखू, गुटका, पान मसाला, शराब, अनियमित दिनचर्या, अनियमित खान-पान, कुछ वायरस, कुछ बैक्टिरिया की वजह से जीन में क्षति होती है।

Cancer Awareness Day, Sanjeevani Cancer Care Foundation, Dr. Yusuf Memon, Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

कैंसर के शुरूआति लक्षणों के बारे में जागरूकता करते हुवे कीमों एवं इम्यूनोथैरेपी विशेषज्ञ ड़ॉ राकेश मिश्रा व ड़ॉ अनिकेत ठोके ने बताया की मुँह के ना भरने वाले छाले, आवाज में लंबे समय से बदलाव, खाना निगलने में कठिनाई अपच, थोड़ा खाना खाने पर पेट भर जाना, अचानक वजन कम होना, मल मूत्र या बच्चेदानी के रास्ते से खून आना, शरीर के किसी हिस्से में कोई गाठ, स्तन में गाठ आदि कैंसर के लक्षण हो सके हैं। रोबोटिक एवं कैंसर सर्जन ड़ॉ अर्पण चतुर्मोहता एवं ड़ॉ दिवाकर पांडे ने बताया कि, सर्जरी, कीमोथेरेपी एवं रेडियोथेरेपी की मदद से कैंसर का ईलाज किया जाता है।

रोबोटिक सर्जरी के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुये दोनों रोबोटिक सर्जन्स ने बताया कि रोबोट से छोटे से छोटे ट्यूमर व कैंसर बड़ा व स्पष्ट दिखने से मानवीय भूल की संभावना कम होती है। इसके इंडोस्कोप व आर्म बहुत छोटे चीरों से शरीर के अंदर पहुँचकर, डीप एरीया में जाकर सटीक व सार्थक सर्जरी कर सकते हैं। इसमें रोबोटिक सर्जन्स ही, रोबोट के आर्म को चलाते हैं। व कैंसर की सफलता पूर्वक सर्जरी कर देते हैं। इस सर्जरी से छोटा चीरा, स्पीडी रिकवरी व कम हॉस्पिटलइजे़शन होता है।

इस अवसर पर पेट स्कैन व न्यूक्लीयर मेडिसीन विशेषज्ञ ड़ॉ अभिराम एवं ड़ॉ हिमांशु बंसल ने बताया कि अब नाभिकीय चिकित्सा के माध्यम से कैंसर के मरीजों की जांच व उपचार किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से आयोडीन थेरेपी, ल्यूटिशियम थेरेपी व स्ट्रॉन्शियम थेरेपी होती है। नाभिकीय चिकित्सा में पेट स्कैन ऐसी विधा है जिससे कैंसर की सफल स्टेजिंग की जाती है शरीर के किसी भी हिस्से फैली हुई बीमारियों की इसमें सटीक जानकारी मिल जाती है। इसी प्रकार से डी टी पी ए, डी एम एस ए, थायराईड, बोन, आयोडीन स्कैन कार्डियक, स्ट्रेस थैलियम स्कैन द्वारा विभिन्न अंगों की कार्यक्षमता के बारे में सटीक जानकारी मिल पाती है।

रेडियोथेरेपी विशेषज्ञों ड़ॉ रमेश कोठारी एवं ड़ॉ सतीश देवांगन ने बताया कि इसमें रेडिएशन किरणों के माध्यम से कैंसर को खत्म किया जाता है। आधुनिक लिनीयर रेडियोथेरेपी मशीन सीधा कैंसर सेल्स पर ही प्रहार करते हैं व नार्मल अंगों को बचा लिया जाता है। अंत में फाउंडेशन के फाउन्डर ड़ॉ युसूफ मेमन ने कहा कि, आधुनिक तकनीकों,इम्यूनों थेरेपी, रोबोट, पेट स्कैन व अनुभवी विशेषज्ञ होने पर कैंसर अब लाइलाज नही रहा।