मंत्री रुद्र कुमार ने सदन में बताया कि सुपेबेड़ा में पिछले तीन वर्षों में किसी की भी मौत दूषित जल से नहीं हुई

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कहा- सितंबर वर्ष 2023 तक सुपेबेड़ा के सभी घरों में पहुंच जाएगा नल

गरियाबंद में कोई भी सामूिहक नल जल योजना नहीं चल रही है

रायपुर (khabargali) आज छत्तीसगढ़ की विधानसभा में सुपेबेड़ा में दूषित व अस्वच्छ जल पीने का मामला भाजपा विधायक डमरुधर पुजारी ने सदन में उठाया। जवाब में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने बताया कि सुपेबेड़ा में दूषित व अस्वच्छ जल पीने से तीन वर्षों में किसी की भी मौत नहीं हुई है। गरियाबंद में कोई भी सामूिहक नल जल योजना नहीं चल रही है लेकिन सितंबर 2023 तक सुपेबेड़ा के सभी घरों में नल पहुंच जाएगा।

विधायक डमरुधर पुजारी ने प्रश्नकाल के दौरन सवाल किया कि राज्य सरकार द्वारा आत्मसात जन घोषणा पत्र, 2018 में सुपेबेड़ा को लेकर क्या-क्या घोषणा की गई थी और उसमें कितनी घोषणाएं पूर्ण हो गई है? सुपेबेड़ा में सामूिहक नल जल व फिल्टर प्लांट की स्वीकृति कब मिली है, कब निविदा की गई है और कब कार्य प्रारंभ हुआ है, ठेकेदार कौन है एवं कब तक कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा? दूषित /अस्वच्छ जल पीने से हुई बीमारी के कारण विगत 03 वर्षों में सुपेबेड़ा में कितने लोगो की मृत्यु हुई है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा आत्मसात जन घोषणा पत्र 2018 में सुपेबेड़ा को लेकर कोई भी घोषणा नही की गयी थी, अपतु ग्राम सुपेबेड़ा एवं आस-पास के 8 ग्रामों में तेलनदी से पेयजल हेतु समूह जल दाय योजना की घोषणा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री द्वारा 02.02.2019 को सुपेबेड़ा प्रवास के दौरान की गई है। फिल्टर प्लांट की स्वीकृति पृथक से नहीं दी गयी है, अपितु 13.08.2021 को शासकीय स्वीकृति प्राप्त सुपेबेड़ा समूह जल दाय योजनांर्गत फिल्टर प्लांट िनर्माण का कार्य सम्मिलित है। पूर्व में निविदा क्रमांक-61 दिनांक 24.08.2021 एवं सिस्टम क्रमांक-82159 से ऑनलाईन निविदा आमंत्रित की गई थी। निविदा प्रकरण में न्यूनतम निविदाकार द्वारा निविदा की वैधता अवधि बढ़ाने हेतु असहमित व्यक्त की गई है, जिसके परिप्रेक्ष्य में राज्य स्तरीय स्कीम सेक्शनिंग कमेटी (एस.एल.एस.एस.सी.) की बैठक दिनांक 18.05.2022 में लिये गये निर्णय अनुसार पुन:निविदा आमंत्रण के निर्देश दिए गए है। पुन:निविदा आमंत्रण/एजेंसी का निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: कार्य प्रारंभ का प्रश्र उपस्थित नहीं होता। कार्य पूर्ण करने का समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। दूषित/अस्वच्छ जल पीने से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला गरियाबंद के प्रतिवेदन अनुसार विगत 03 वर्षों में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है।

विधायक डमरुधर पुजारी ने पूछा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत गरियाबंद में घर-घर में नल पहुंचाने के क्या लक्ष्य इस व पिछले वित्तीय वर्ष में रखे गए थे और कितने घरों में लक्ष्य के अनुरुप नल पहुंचा दिए गए है और कितने घरों में पहुंचाना शेष है व कब तक पहुंचाए जाएंगे तथा किस ठेकेदार को यह कार्य दिया गया है और किस दर पर दिया गया है?

मंत्री रुद्र कुमार ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत जिला गरियाबंद में इस वर्ष 68738 व पिछले वित्तीय वर्ष में 78,833 घरों में जल जीवन मिशन के तहत घर-घर में नल पहुंचाने के लक्ष्य निर्धारित रखे गये थे। लक्ष्य के अनुरुप इस वर्ष (08 जुलाई 2022 तक) 12,021 व पिछले वित्तीय वर्ष 11,559 घरों में नल पहुंचा दिये गये है और 1,06,464 घरों में नल पहुंचाना शेष है, जिसे माह सितंबर वर्ष 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।

पुजारी ने सवाल किया कि गरियाबंद में सामूिहक नल जल की कुल कितनी योजनाएं चल रही है,कितनी स्वीकृत है? कितनी पूर्ण हो गई है? कितनी अपूर्ण है?

जवाब में मंत्री गुरु ने बताया कि गरियाबंद में कोई भी सामूिहक नल जल योजना नहीं चल रही है, अत: पूर्ण एवं अपूर्ण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अपितु 01 सुपेबेड़ा समूह जल प्रदाय योजना स्वीकृत है।

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