
सतनामी समाज के स्रोत एवं अग्रणी लेखक श्री कोसरिया का ऐसा रहा साहित्यिक सफर
रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार 77 वर्षीय राम प्रसाद कोसरिया का दिनाँक 27 नवंबर 2023 को निधन हो गया। वे पूर्व मंत्री मध्य प्रदेश शासन स्वर्गीय कन्हैया लाल कोसरिया के पुत्र थे बावजूद इसके उनका पूरा जीवन सादगी से बीता। वे प्राथमिक शाला श्याम नगर से सेवानिवृत्त हेडमास्टर रहे। उनका अंतिम संस्कार तेलीबांधा शमशान घाट में किया गया। वे मनीष, सतीश और नवीन कोसरिया के पिता थे। उनकी अंतिम यात्रा में समाज के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
कई सम्मान से नवाजे जा चुके हैं
श्री कोसरिया का जन्म 9 जनवरी 1947 को हुआ था । यूं तो उन्हें अनेक सम्मान प्राप्त हुए थे। उल्लेखनीय में उन्हें समरसता सम्मान छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रथम अध्यक्ष द्वारा प्रदान किया गया था ।
लंबी रही साहित्यिक यात्रा
उनकी साहित्यिक यात्रा काफी लंबी रही। वे सतनामी समाज के स्रोत थे एवं अग्रणी लेखक भी थे । उन्होंने सत्य ध्वज जैसे पत्रिकाओं के संपादक किया था। उनके द्वारा रचित रचनाएं प्रदेश और देश की अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। उन्होंने सतनाम के बिरवा काव्य का लेखन किया जो आज भी समाज में प्रासंगिक है।
कई संस्थाओं के संस्थापक सदस्य रहे
वे गुरु घासीदास साहित्य एवं साहित्यिक अकादमी के संस्थापक सदस्य थे और 16 दिसंबर को की जाने वाली सतनाम समाज के शोभायात्रा के जनक भी थे । वह छत्तीसगढ़ साहित्य समिति के संस्थापक सदस्य भी थे ।
गुरु घासीदास जी पर बने रूपक और बाबू जगजीवन राम पर उनकी वार्ता देशभर में प्रसारित हुई थी
श्री राम प्रसाद कोसरिया द्वारा गुरु घासीदास जी के ऊपर बनाए गए रूपक का प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो पर पूरे भारत में प्रसारित किया गया था, साथ उस रूपक को ऑल इंडिया द्वारा सर्वश्रेष्ठ रूपक के रूप में सम्मानित भी किया गया था। बाबू जगजीवन राम पूर्व उप प्रधानमंत्री भारत सरकार पर उनकी वार्ता का भी ऑल इंडिया रेडियो आकाशवाणी से प्रसारण किया गया तथा उन्हें मुक्त प्रसारण के लिए पूरे भारतवर्ष से पोस्टकार्ड के माध्यम से बधाइयां भी प्राप्त हुई थी ।
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