सूखे रंग और गुलाल से आँखों को बचाएं : डॉ. दिनेश मिश्र

Protect eyes from dry colors and gulaal: Dr. Dinesh Mishra, eye specialist, President, Superstition Eradication Committee, Dr. Pranjal Mishra, eye specialist, Nayapara, Phool Chowk, Raipur, Chhattisgarh, Phone: 0771-4026101 Mob. 98274-00859, khabargali

निशुल्क 68 वां शिविर, 14 मार्च को सुबह 12 बजे से दोपहर 2 बजे तक परामर्श व उपचार के लिए अस्पताल में उपलब्ध रहेंगे

रायपुर (खबरगली) राजधानी के वरिष्ठ नेत्र एवं कान्टेक्ट लेन्स विशेषज्ञ डॉ. दिनेश मिश्र ने होली पर आंखों व अन्य संवेदनशील अंगों को बचाकर रंग खेलने का सलाह दी है। उन्होंने कहा कि होली खेलें जरूर पर आंखों के अंदर में सूखा रंग व गुलाल न जाए, इसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।

डॉ. दिनेश मिश्र ने बताया कि पहले होली प्राकृतिक वस्तुएं जैसे विभिन्न फूलों, पत्तियों, जड़ों व बीजों से तैयार रंगों से खेली जाती थी जो शरीर के लिए नुकसानदायक नहीं थे, इन रंगों के तैयार करने में भले ही समय अधिक लगता था तथा कम मात्रा में ही तैयार होते थे। लेकिन ये शारीरिक वातावरण के अनुकूल थे। आजकल बाजार में उपलब्ध रंग-गुलाल कृत्रिम व रासायनिक पदार्थो से बनते है।, जो कम समय में तथा अधिकाधिक मात्रा में बनते हैं, कृत्रिम रंग सस्ते जरूर हैं लेकिन शरीर को नुकसान पहुंचा सकते है। कृत्रिम  रंग जिन रासायनिक पदार्थो से बनते है उनके रासायनिक गुणों के अनुरूप अम्लीय-क्षारीय होते हैं। ये केमिकल (रसायन) शरीर की त्वचा, पलकों, आंखों पर दुष्प्रभाव डालते हैं जिससे आंखों व चेहरे में जलन, खुजलाहट, सूजन, दाने आना, एलर्जी होना आदि प्रतिक्रिया होती है। यह प्रभाव अलग अलग व्यक्तियों में भिन्न हो सकता है। रंग व गुलाल में चमक के लिए अभ्रक पीस कर मिलाया जाता है जिससे त्वचा व आंखों में हानि पहुंचती है। वहीं गुलाल में मिट्टी व बारीक पिसी रेत मिलाने से चेहरे व आंख के नाजुक हिस्से में खरोंच हो जाती है।  

डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा कि आंख में सूखा रंग, गुलाल जाने से बचाया जावे। यदि आँख के अंदर रंग गुलाल चले जाता है तो आँखों को रगड़े नहीं, बल्कि उसे धीरे से आँखों से निकालने की कोशिश करें। सूखा रंग व गुलाल त्वचा, गालों, पलकों व साथ ही ऑंख की पुतली में रगड़ से जख्म बनाता है तथा रासायनिक पदार्थ के कारण आँख में कंजक्टीवाइटिस तथा रगड़ से कार्नियल अल्सर भी हो सकता है। रंग को सूखे कपड़े, रूमाल से धीरे-धीरे साफ कर लें व पानी से धीरे-धीरे अच्छी तरह से धो लें। रंग की तेज धार, पानी व गुब्बारे जोर से फेंके जाने पर चेहरे पर आंख में चोट लग सकती है। आँख में तेज दर्द, आंसू आने, लालिमा होने व धुंधलापन आने पर रगड़े नहीं बल्कि ऑंख को धोने के बाद समीप के नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श करें। ध्यान रखे गोबर, कोयला, राख, पेन्ट, ग्रीस, डामर, केवाच आदि का प्रयोग करना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। बल्कि इनकी एलर्जी, चोट होली के इन्द्रधनुष रंगों को बदरंग कर सकती है।

डॉ. दिनेश मिश्र अपने फूल चौक  स्थित अस्पताल में 14 मार्च को सुबह 12 बजे से दोपहर 2 बजे तक होली में रंग खेलने से होने वाली तकलीफों के नि:शुल्क परामर्श व उपचार के लिए उपलब्ध रहेंगे।

पता: डॉ. दिनेश मिश्र, नेत्र विशेषज्ञ, अध्यक्ष, अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति, डॉ. प्रांजल मिश्र, नेत्र विशेषज्ञ, नयापारा, फूल चौक, रायपुर ,छत्तीसगढ़, फोन : 0771-4026101 मो. 98274-00859