रायपुर (khabargali) चर्चित और ख्यातिप्राप्त नानसेंस टाइम्स का विमोचन एक सादगीपूर्ण कार्यक्रम में हुआ। पिछले पच्चीस वर्षों से लगातार छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में होली के अवसर पर हास्य -व्यंग और खास टाइटल के लिए नॉनसेंस टाइम्स का इंतज़ार सभी लोगों को होता। इसके विमोचन में छत्तीसगढ़ के अब तक के सभी मुख्यमंत्री सहित सांसद,मंत्री,विधायक,महापौर,छत्तीसगढ़ी फिल्मों के स्टार , छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष , समाजसेवी , साहित्यकार और सेलेब्रिटी शामिल हो चुके है।
इस साल विमोचन अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र छाबड़ा ने रंग बिरंगे अंदाज में किया। श्री छाबड़ा ने सिल्वर जुबली पर कहा की नॉनसेंस ने टाइटल देकर लोगो की नाराजगी झेली भी है और कार्टून बनाकर लोगो को हंसाया भी है। निश्चित रूप से साल में एक बार सबको नॉनसेंस बनना चाहिए। नॉनसेंस की लोकप्रियता है जो इसका टाइटल तक चुराकर लोग महामुर्ख बनाते है।
विमोचन अवसर पर संपादक तपेश जैन , छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स के सलाहकार भरत बजाज ,एडवरटाइजिंग एजेंसीस ऑफ छत्तीसगढ़ के सरक्षक अजय जैन , अध्यक्ष ओंकार सिंग मुदड़ , उपाध्यक्ष अफसर खान , भगवन महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव समिति के सलाहकार विजय चोपड़ा , अध्यक्ष महेंद्र कोचर , प्रकृति के अध्यक्ष मोहन वर्ल्यानी , मारवाड़ी युवा मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश अग्रवाल , वरिष्ठ भाजपा नेता सुखबीर सिन्गोत्रा, पत्रकार भारत योगी , सुश्री मेघा तिवारी , नरेंद्र ठाकुर-अंटू , अमिताभ बांधे , कांग्रेस नेता सतीश चौरसिया , सहित कई विशिष्ट हस्तियां शामिल थी।
नॉनसेंस के पच्चीस सालों के सफर को स्मरण करते हुए श्री जैन ने मधुसूदन शर्मा को याद किया जिन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर इसे उच्चाईया प्रदान की। होली बुलेटिन नानसेंस टाइम्स में बृजेश चौबे , प्रकाश शर्मा,रामअवतार तिवारी , के के शर्मा , विजय मिश्रा , अजय सक्सेना,मोहन तिवारी , दीपक पांडेय, संतोष साहू , हरिओम फिल्म्स के डायरेक्टर डॉ पुनीत सोनकर , राजकुमार ग्वालानी,जयप्रकाश उपाध्याय , गौरव शर्मा,शगुफ्ता शरीन,राघवेंद्र मिश्रा , शशांक खरे , शारदा त्रिपाठी , गोकुल सोनी,नरेन्द्र बंगाले,नगेन्द्र वर्मा, अरविन्द अवस्थी , दीपक ठाकुर,रितेश जैन,मनोज निर्मलकर , लोकेश निर्मलकर, पवन सिन्हा, मधुसुदन शर्मा और चैम्बर के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष स्वर्गीय अमर धावना , स्व. अहफ़ाज रशीद , ने भी योगदान दिया जिसकी वजह से सफर यादगार रहा।
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