यूरोप में 3 महीने भारतीय संगीत प्रस्तुत कर वापस लौटी प्रदेश की जयश्री नायर 

jaishri nair
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रायपुर (khabargali) प्रदेश की सुश्री जयश्री नायर विगत 3 महीने से यूरोप के 9 देशों में भारतीय संगीत प्रस्तुत कर देश व प्रदेश वापसी कर चुकी है । कला रत्न से सम्मानित जयश्री नायर , समाज सेविका श्रीमति रुक्मणी नायर की सुपुत्री है। जयश्री  राग म्यूजिक अकादमी रायपुर की संचालिका भी है।  अपनी इस उपलब्धि का श्रेय उन्होंने अपनी माँ और गुरुजनो को दिया है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर  मंच पर प्रस्तुति एक अनूठा अनुभव

अपनी इस उपलब्धि के बारे में जयश्री बताती है की अपने प्रदेश के साथ देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करना एक अनूठा अनुभव था , कोलकाता के कलाकारों के साथ देश का प्रतिनिधित्व करने का सुअवसर प्राप्त हुआ जिसमे सबसे पहली प्रस्तुति उन्होंने जर्मनी के बोन शहर में दी जिसमे शास्त्रीय संगीत के साथ ही साथ सुगम संगीत ,ग़ज़ल और पुराने फ़िल्मी नगमों को भी खूब सराहा गया। इसके बाद फ़्रंकफ़र्ट, हैम्बर्ग जैसे बहुत से शहरों में प्रस्तुति देते हुए जर्मनी, स्वीडन, बेल्जिम, नीदरलैंड्स आदि देशों में प्रस्तुतिदेना अपने आप में बहुत ही अनोखा अनुभव रहा।।

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सांस्कृतिक आदान प्रदान

इसतरह के  कार्यक्रमों से जहां  सांस्कृतिक कलाओं का आदान प्रदान होता है वहीं कला क्षेत्र का भी विस्तार होता है , तथा बहुत कुछ नया सीखने सिखाने को भी मिलता है इसी के तहत कुछ विदेशी भाषाओं फ़ारसी पश्तो में गाने की प्रस्तुति भी मंच पर दी।भारत के युवा जहां दिन प्रतिदिन पश्चिमी देशों के संगीत व रहन सहन से प्रभावित हो रहे है वहीं पश्चिमी देशों के लोग भारत की कला संस्कृति से बहुत ही प्रभावित है । कला के  गुणी श्रोता पश्चिमी देशों में बहुत है तथा कला को उचित सम्मान देते है। सुश्री जयश्री नायर कहती है की छत्तीसगढ़ में कला और  संस्कृति के  उत्थान के लिए  जनजागरण के साथ साथ युवाओं के  मन में भारतीय कलाओ के लिए रुचि उतपन्न करनी होगी जिसके लिए वह निरंतर प्रयत्नशील रहेंग

रागी द गर्ल बैंड के माध्यम से  छत्तीसगढ़िया लोकसंगीत की खुशबू बिखेर रही हैं

भविष्य में सुश्री जयश्री नायर छत्तीसगरिया कला का बखान अपनी मधुर आवाज़ से अंतराष्ट्रीय स्तर पर करना चाहती है। जिसके लिए वो निरन्तर प्रयत्नशील है, रागी द गर्ल बैंड के माध्यम से लगातार छत्तीसगढ़िया लोकसंगीत का गायन विभिन्न मंचो पर करती आई है। रागी द गर्ल बैंड के माध्यम से कई नवोदित कलाकारों को मंच देकर छत्तीसगढ़ी संस्कृति की खुशबू बिखेर रही है।

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