इप्टा, प्रगतिशील लेखक संघ, जन संस्कृति मंच और जनवादी लेखक संघ के साझा आयोजन में प्रख्यात विज्ञानवेत्ता व वैज्ञानिक लेखक अमिताभ पांडे ने कहा
रायपुर (khabargali)प्रयोग और परीक्षण पर आधारित ज्ञान विज्ञान है। विज्ञान मिथक पर आधारित नहीं होता, वह सत्य पर आधारित होता है और सारी दुनिया का वैज्ञानिक सत्य एक तरह का है, उसका सिद्धान्त एक है। विज्ञान सारी दुनिया को जोड़ता है। यह बातें प्रेस क्लब में आयोजित "हमारा समय और वैज्ञानिक दृष्टिकोण" विषय पर बोलते हुए प्रख्यात विज्ञानवेत्ता व वैज्ञानिक लेखक अमिताभ पांडे ने कही।
इप्टा, प्रगतिशील लेखक संघ, जन संस्कृति मंच और जनवादी लेखक संघ के साझा आयोजन में रायपुर की जनता के साथ संवाद करते हुए अमिताभ ने विज्ञान के इतिहास से लेकर डार्विन क्यों जरूरी है और समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की क्या भूमिका है आदि सवालों से मुखातिब होते हुए संविधान में दर्ज साइंटिफिक टेम्पर से लेकर सेकुलरिज्म, लोकतंत्र, समाजवाद, मानवतावाद आदि मूल्यों पर हो रहे हमलों के प्रति आगाह करते हुए, इन्हें बनाये रखने की महत्ता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में विज्ञान पर हमला लोगों को संकुचित बनाने का सोचा-समझा प्रयास है। इसीलिए पाठ्यक्रम से डार्विन को हटाया जा रहा है। डार्विन को हटाना मानव इतिहास को जानने से वंचित करना है। डार्विन ने ही बताया है कि सभी मनुष्य एक हैं, कोई ऊंच-नीच नहीं है, सबकी उत्पत्ति का स्रोत एक है। उन्होने कहा कि विज्ञान पर पहले भी हमले हुए हैं। विज्ञान को धर्म के खिलाफ घोषित कर वैज्ञानिकों को जिंदा तक जला दिया गया। ब्रूनो जैसे कई उदाहरण हमारे सामने मौजूद हैं। किसी दैवी ताकत के चलते ग्रह-नक्षत्र नहीं चलते बल्कि भौतिक नियम पर चलते हैं। इसे विश्लेषित करते हुए उन्होंने गैलीलियो, केप्लर आदि वैज्ञानिकों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण का उदाहरण देकर उन्होंने किस तरह समाज में वैज्ञानिक सोच विकसित की इसे बताया।
अमिताभ ने कहा कि वैज्ञानिक चेतना संपन्न समाज ही प्रगति करता है। हमारे संवैधानिक मूल्य तभी संरक्षित रह सकते हैं, जब देश के नागरिक वैज्ञानिक दृष्टिकोंण से संपन्न होंगे। अमिताभ ने सभागार में उपस्थित स्रोताओं के सवालों के जवाब भी दिए।
कार्यक्रम का संचालन इप्टा के प्रदेश महासचिव अरुण काठोटे ने किया। स्वागत भाषण वरिष्ठ रंगकर्मी मिनहाज असद ने दिया व आभार प्रदर्शन रंगकर्मी व पत्रकार राजकुमार सोनी ने व्यक्त किया। इस अवसर पर लेखक, पत्रकार, रंगकर्मी, शोधार्थी, छात्र व शहर के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे।
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